समीक्षण समिति/ जिला सलाहकार समिति (डीएलआरसी) की बैठक l
देहरादून : आज दिनांक 26 फरवरी 2020, जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षण समिति/ जिला सलाहकार समिति (डीएलआरसी) की बैठक सुभाष रोड स्थित स्थानीय होटल में आयोजि त की गयी।
जिलाधिकारी ने जिला सहकारी बैंक तथा उत्तरांचल ग्रामीण बैंक द्वारा कृषि क्षेत्र में अनुपातिक उपलब्धि क्रमशः 59 प्रतिशत् और 58 प्रतिशत् रहने पर कारण पूछा तो सम्बन्धित बैंक अधिकारियों ने कहा कि अन्तिम क्वार्टर में प्रगति बढायेंगे, इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अन्तिम क्वार्टर में ही प्रगति बढाने का चलन है,प्रगति संतोषजनक नहीं रहेगी तो अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने सेन्ट्रल बैंक आॅफ इण्डिया, ओबीसी, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, इण्डियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक, बैंक आॅफ महाराष्ट्रा, यस बैंक, इण्डियन बैंक तथा बन्धक बैंक जिनका ऋण जमा अनुपात 30 प्रतिशत् से कम है उनसे कारण पूछते हुए चेतावनी दी कि यदि वे अपनी प्रगति शीघ्र नही बढाते तो उनकी प्रगति को हैड आॅफ डिपार्टमेंट, राज्य सरकार तथा आरबीआई को प्रेषित करते हुए जवाबदेही तय की जायेगी।
उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत् अधिकारियों से पूछा कि इस वर्ष इसके अन्तर्गत कितने खाते खोले गये और कितनों को इससे जोड़ा गया, साथ ही कहा कि जनपद में क्या कोई ऐसा भी मामला है, जिसमें पंजीकृत व्यक्ति को क्लेम मिला हो यदि किसी को क्लेम मिला हो तो उस घटना को लोगों के बीच प्रचारित करें ताकि लोग समझ सकें कि 12 रू0 में भी 02 लाख रू0 का क्लेम वास्तव में मिल रहा है। इससे लोग अधिकाधिक पंजीकृत करवाने के लिए प्रेषित होंगे।
जिलाधिकारी ने लोनिंग से सम्बन्धित मुद्रा योजना के तहत् स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया, आईडीबीआई बैंक तथा यूको बैंक जिन्होंने योजना के तहत् आवेदकों के क्रमशः 125 में से 81, 53 में से 14 तथा 118 में से 14 आवेदन रेखीय विभागों को अस्वीकृत करके वापस किये हैं साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में भी एसबीआई ने 24 में से 18 तथा पीएनबी ने 30 में से 18 आवेदन रिजेक्ट करके वापस रेखीय विभागों को भेजे हैं। इसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा क्या कारण है कि जब तक आवेदन रेखीय विभाग के पास होता है वह सही होता है और बैंको के पास जाने से उसमें कमी आ जाती है।
उन्होंने बैंको को आगाह किया कि इस तरह की कार्यप्रणाली में सुधार करें, जब विभाग ने आवेदन की पूरी औपचारिकता जांच करके प्रेषित कर दी है तो लोनिंग करने में कोई परेशानी नही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे से सभी बैंक इस बात का ध्यान रखेगें कि किसी आवेदक का फार्म रिजेक्ट ना करके आवेदक को उसके दस्तावेज में रह गयी कमी को पूरा करने को 15 दिन समय दें और सूचित करें, साथ ही सम्बन्धित रेखीय विभाग को भी एकबार उस आवेदक की रह गयी औपचारिकताओं से अवगत करा दें, किन्तु किसी भी दशा में एकदम अनावश्यक आवेदन रिजेक्ट ना करें तथा यदि आवेदन रिजेक्ट करते हैं तो उसमें रिजेक्शन पूरा और स्पष्ट कारण दर्ज करें।
जिलाधिकारी ने वीरचन्द्र सिंह गढवाली गैर वाहन योजना मद में जिला पर्यटन अधिकारी इसी वित्तीय वर्ष में कुछ और आवेदनों को स्वीकार करते हुए शीघ्रता से प्रगति बढाने को कहा। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की प्रगति बढाने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार का फोकस अधिक-से-अधिक स्वरोजगार देने पर है। उन्होंने इस सम्बन्ध में निर्देश दिये कि सम्बन्धित रेखीय विभाग चैकलिस्ट बनाकर उसी अनुसार आवेदन स्वीकार करें तथा आवेदन प्राप्त होते समय ही सारी औपचारिकताएं पूर्ण करवालें तभी बैंकों को प्रेषित करें।
उन्होंने मनरेगा मजदूरों के खातों को शत्प्रतिशत् एबीपीएस भुगतान प्रणाली के अन्तर्गत लाने हेतु खातों को तेजी से एनपीसीआई से मैप्पड करवाने की प्रगति बढाने को कहा जो अभी तक 79 प्रतिशत् है। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक जो कि सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक है किन्तु विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लोन देने की उसकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने जिला लीड बैंक अधिकारी को सभी बैंको की ब्रांचवार विभिन्न मदों में ऋण-योजना की प्रगति प्राप्त करनें तथा जिस भी बैंको का परफामेन्स निम्न होगा उसको उत्तराखण्ड सरकार, आरबीआई और सम्बन्धित उच्चाधिकारी के संज्ञान में लाया जाय। जिन बैंकों की प्रगति अच्छी होगी उनको एप्रेशिएट किया जायेगा तथा ऋण वसुली में भी उनको प्राथमिकता दी जायेगी। जिलाधिकारी ने रेखीय विभागों को भी लोगों को योजना के तहत् अधिकाधिक ऋण प्रदान करवाते हुए स्वरोजगार करने को प्रोत्साहित करने साथ ही सम्बन्धित रेखीय विभाग और बैंक अपनी स्टेटवाईज प्रगति का भी तुलनात्मक प्रगति विवरण प्रस्तुत करेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अत्यन्त निम्न प्रगति से जिलाधिकारी ने बैंकों को सख्त चेतावनी दी कि वे आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को आवास ऋण प्रदान करने में अनावश्यक औपचारिकताएं बताकर योजना में बाधा ना बनें। बैठक में शहरी विकास विभाग के प्रतिनिधि ने अवगत कराया कि बैकों द्वारा 3 लाख रू0 वार्षिक आय से निम्न वालों से अनावश्यक औपचारिकताएं मांगी जा रही है, जिसको पूरी करने में लोग उलझ जाते हैं और आवेदन नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि निम्न आयवर्ग वालों से आईटीआर मांगने की जरूरत नही हैं केवल 10 रू0 के स्टाम्प पर शपथ पत्र देकर ही उनकी आर्थिकी साबित हो जाती है साथ ही हुडा के अद्यतन दिशा-निर्देशों में उनको मैप्पड स्वीकृतिमें भी छूट है, जबकि बैंक अनावश्यक इन औपचारिकताओं की भी मांग कर रहा है।
इसी कारण बहुतकम आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि आवास योजना मा0 प्रधानमंत्री और उत्तराखण्ड सरकार की प्राथमिकता में है और इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी। इसको मद्देनजर रखते हुए उन्होने जिला लीड बैंक अधिकारी को आगामी बैठक से प्रधानमंत्री आवास योजना को एजेण्डे में शीर्ष प्राथमिकता देने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने कृषि और उद्यान विभाग को किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने के लिए कृषि और उससे जुड़े अन्य व्यवसाय उद्यान, मत्स्य पालन, डेयरी, पशुपालन, सब्जी उत्पादन, एैरोमैटिक इत्यादि से जुड़ी योजनाओं को गंभीरता से इम्पिलिमेन्टेशन करें। प्रधानमंत्री सम्मान निधि के अन्तर्गत केसीसी (किसान के्रडिट कार्ड) वितरण की कालसी व चकराता ब्लाॅक में अभी तक निम्न प्रगति है उसे बढायें। अन्त में जिलाधिकारी ने सभी रेखीय (कन्सर्न) विभागों और सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी लोग आपसी समन्वय से सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर अनुपालन हेतु गंभीरता से कार्य करें।
इस दौरान विभागीय अथवा बैंक के स्तर पर यदि कोई आपसी समन्वय अथवा अन्य कमजोरी के चलते प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है तो उसे आपस में बैठक कर दूर करें और हरहाॅल में सभी योजनाओं की प्रगति बढायें।
इससे पूर्व जिला प्रबन्धक अग्रणी बैंक संजय भाटिया ने वार्षिक ऋण योजना 2019-20 की प्रगति के बारे में सदन को जानकारी देते हुए सदन को बताया कि वार्षिक लक्ष्य 3934.62 करोड़ तथा दिसम्बर त्रेमास हेतु लक्ष्य 2754.22 करोड़ के सापेक्ष बैंको ने 3147.59 करोड़ का लक्ष्य हासिल किया। उन्होंने बताया कि सभी बैंकों के सहयोग से दिसम्बर तक 114 प्रतिशत् की उपलब्धि हासिल की गयी। कृषि के क्षेत्र में 115 प्रतिशत्, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र में 122 प्रतिशत् एवं अन्य क्षेत्रों में 84 प्रतिशत् की उपलब्धि सभी बैकों ने की है।
ऋण जमा अनुपात के बारे में उन्होंने बताया कि गत त्रैमास सितम्बर 2019 में ऋण जमा अनुपात 40.76 प्रतिशत् था जो दिसम्बर में बढकर 41.85 हो गयी है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, अग्रणी अधिकारी भारतीय रिर्जव बैंक विशाल यादव, पंजाब नेशनल बैंक मण्डल प्रमुख आर0डी0सेवक, नाबार्ड प्रतिनिधि अजय सोनी, लीड बैंक अधिकारी संजय भाटिया सहित रेखीय विभागों के प्रतिनिधि और विभिन्न बैंक अधिकारी उपस्थित थे।