सावधान : लाखों लोग अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाएंगे, जन हस्तक्षेप I
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जन हस्तक्षेप I
देहरादून : जन हस्तक्षेप की और से जनवरी 28 और 29 को धरमपुर, रायपुर एवं मसूरी विधान सभा क्षेत्रों में एक सर्वेक्षण किया गया था। 298 वोटर के मतदाता ID को चेक किया गया था। पता चला की उनमें से 37 (12.5 %) मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट पर नहीं थे। उन 37 लोगों में से 90% के ऊपर दलित और अल्पसंख्यक लोग थे। अगर उदहारण के लिए हम माने कि यहीं स्थिति राज्य के सारे दलित क्षेत्रों में लागु है, तो सिर्फ दलितों में से 1,36,000 से ज्यादा लोग वोट नहीं डाल पाएंगे।
आज प्रेस वार्ता में वक्ताओं ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक स्थिति है। मतदान लोकतंत्र की बुनियाद है। राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य राज्यों में ऐसे सर्वेक्षण से पता चला कि वहां पर भी स्थिति बहुत गंभीर है। उत्तराखंड में निकाय चुनाव में बहुत लोग अपना मतदान नहीं कर पाए क्योंकि उनका नाम लिस्ट से हटाया गया था। अगर गरीब लोग इतने बड़ी संख्या में मतदाता सूचि से गायब कर दिए जायेंगे, लोकतंत्र खतरा में पड़ जायेगा।
चुनाव आयोग तुरंत गरीब लोगों के बस्तियों में और ख़ास तोर पर दलितों और अल्पसंख्यकों के बस्तियों में मतदाता पंजीकरण अभियान चलाये। अधिकारी घर घर जा कर चेक करे।
चुनाव के दौरान राज्य में जितने मंत्री और अधिकारी हैं, वे चुनाव को प्रभावित करने के लिए शराब और पैसे ना ले जा सके, उनके गाड़ियों की सख्त निगरानी की जाये।
जिस दिन चुनाव घोषित होगा, उस दिन से राज्य में शराब की बिक्री बंध होनी चाहिए।
वक्ताओं ने पब्लिक से निवेदन किये की वे खुद का पंजीकरण भी सुनिश्चित कर दे। अगर किसी को अपना खुद या अपने लोगों का पंजीकरण कराना है, वे घर पर भेट कर भी “Missing Voters” (Raylabs) एप्प के द्वारा अपना पंजीकरण करा सकते हैं (एप्प 8099683683 पर मिस्ड कॉल करने से भी मिल सकता है)।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व राज्य अध्यक्ष किशोर उपाध्याय; भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के Com जीत सिंह; चेतना आंदोलन के सह संयोजक शंकर गोपाल;मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता बचीराम कंसवाल; और समाजवादी पार्टी का पूर्व राज्य अध्यक्ष Dr SN सचान ने सम्बोधित किये।