रिया मावी द्वारा यूट्यूब पर डाली गई पोस्ट का विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग : खत्री I
देहरादून : आज भैरव सेना द्वारा यूट्यूब ब्लॉगर रिया मावी के द्वारा यूट्यूब पर डाले गए केदारनाथ मंदिर की व्यवस्था के विषय में उठाए गए सवालों के संबंध में साइबर सेल में तहरीर दी, जिसमें की प्रदेश अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा की सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे संगठन के जिला अध्यक्ष आचार्य उमाकांत भट्ट एंव प्रभारी रष्टी सिंह को युटुब ब्लॉगर एवं एक्ट्रेस रीया मावी महिला का एक वीडियो संज्ञान में आया है।
जिसमें की उनके द्वारा उत्तराखंड के पवित्र धाम केदारनाथ की व्यवस्थाओं के विषय में धार्मिक स्थल को बदनाम करने के उदेश्य से सवाल उठाए गए जो सरासर गलत है, उनके द्वारा मंदिर के पुजारियों के द्वारा पूजा के लिए अधिक दक्षिणा मांगने का भी आरोप लगाया गया है।
दक्षिणा न देने पर गौर न करने का आरोप लगाया गया है, विशेष पूजा के लिए भी अधिक पैसे लेने का आरोप लगाया गया है जोकि उत्तराखंड सरकार के नियमानुसार बद्री-केदार समिति के माध्यम से लिए जा रहे है, मंदिर में चढ़ावे के लिए ली जा रही पूजा पाठ की वस्तुओं पर भी अधिक मूल्य लेने का आरोप लगाया गया है l
जो दुर्गम क्षेत्र में होने के कारण महंगा पड़ रहा है और दूसरा कारण पवित्र धाम केवल छः माह के लिये खुलता है और रोजगार का दूसरा साधन ना होना तथा व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिए है, साथ ही मंदिर के पुजारियों पर भी गलत आरोप लगाए गए हैं और उनके देखने के तरीके को भी गलत और अभद्र बताया गया है।
जिला अध्यक्ष आचार्य उमाकांत भट्ट ने कहा कि उक्त बयान से उत्तराखंड के पवित्र धाम की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है, रष्टी सिंह के कथनानुसार केदारनाथ मंदिर जिस जगह पर स्थित है वह सिर्फ 6 महीने ही खुलता है और पर्यटन पर ही निर्भर है।
अतः क्षेत्र के व्यवसायियों के द्वारा जो सामान वहां बेचा जाता है वह व्यवस्थाओं के अनुसार उचित मूल्य का है, क्योंकि घोड़े-खच्चरों के द्वारा सामान मंदिर परिसर तक पहुंचाये जाते है, जिसमें कि काफी किराया-भाड़ा और शारीरिक मेहनत लगती है।
12 ज्योतिर्लिंगों में सम्मिलित केदारनाथ मंदिर विश्व विख्यात है जिसमें की लाखों करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है जिस कारण प्रत्येक व्यक्ति को दर्शन करने के लिए कुछ ही मिनटों का समय मिल पाता है परंतु शायद उक्त यूट्यूब ब्लॉगर, एक्ट्रेस को अपने यूट्यूब चैनल के लिए विडियो बनाने के लिए समय नहीं मिल पाया, इसलिए उनके द्वारा मंदिर की व्यवस्थाओं पर अनाप-शनाप टिप्पणियां की गई। जिससे कि लाखों करोड़ों भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचीं है।
उक्त घटना में संगठन के द्वारा यूट्यूब ब्लॉगर पर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने जैसी संबधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है, ताकि निकट भविष्य में कोई भी धार्मिक स्थलों का मजाक अपने निजी हित के लिए ना उड़ा पाए।