बिग ब्रेकिंग : 15 को बिजनौर में गरजेंगी प्रियंका गाँधी।

लखनऊ : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गाँधी 15 फ़रवरी को यूपी के बिजनौर में किसान पंचायत को संबोधित करेंगी इससे पूर्व सहारनपुर में भी कांग्रेस किसान पंचायत कर चुकी हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ कांग्रेस तीनों काले कृषि क़ानूनों के विरूद्ध चल रहे किसानों के आंदोलन को पूरी ताक़त के साथ उनकी लड़ाई लड़ना चाहती हैं इसी लिए अब वह पंचायत दर पंचायत कर माहौल को गर्माए रखना उनकी पहली प्राथमिकता लग रही हैं अगर इसी तरह कांग्रेस भी पंचायत दर पंचायत करेंगी तो मोदी सरकार के साथ ही योगी सरकार के विरुद्ध भी विरोध की चिंगारी भड़केगी और प्रदेश में भी कांग्रेस की खोईं सियासी ज़मीन वापिस मिल सकती हैं ख़ैर किसानों की इस लड़ाई में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो किसानों के लिए पंचायतें कर उनकी आवाज़ में आवाज़ मिलाती दिखाई दे रही हैं राष्ट्रीय स्तर पर वैसे देखा जाए तो रालोद भी इसके लिए पंचायतों के द्वारा ही अपने जनाधार को पुनः प्राप्त करने के लिए सड़क पर काम कर किसानों के बीच जानें का काम कर रही है बाक़ी सभी पार्टियाँ सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं चाहे सपा हो या बसपा यूपी की ये दोनों पार्टियाँ बस दिखावा कर रही हैं जहाँ तक बसपा की बात है तो उसका सियासत करने का तरीक़ा अलग है वह आंदोलनों पर यक़ीन नहीं रखती इस लिए वह इस तरह की किसी भी एक्टिविटि से परहेज़ रखती हैं अगर हम सपा की बात करें तो उसका वर्तमान नेर्तत्व भी आंदोलनों पर यक़ीन नहीं कर रहा है जिसकी वजह से सपा भी सोशल मीडिया पर ही तीनों काले कृषि क़ानूनों का विरोध कर किसानों की सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश में लगी हुई है यही हाल सपा ने CAA , NPR NRC के विरोध में चले आंदोलन में भी निभाया था जबकि उस आंदोलन को उसके साथ पिछले तीस सालों से उसके बँधवा मज़दूर की तरह साथ चल रहा मुसलमान कर रहा था लेकिन उसकी सेहत पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था उस वक़्त भी कांग्रेस ही थी जो CAA, NPR व NRC के विरोध में चल रहे आंदोलन में उनके साथ खड़ी थी और अब किसानों के चल रहे इस आंदोलन में पूरे दमख़म के साथ विरोध कर रही हैं।सपा की यह मजबूरी है कि वह मुसलमानों का वोट तो लेना चाहतीं हैं लेकिन उसकी आवाज़ बनना नहीं चाहती है उनका मानना है कि मुसलमान जाएगा कहाँ उसकी भी मजबूरी है कि सपा से ही चिपका रहेगा रही बात उसकी आवाज़ बनने की तो उसके लिए असदउद्दीन ओवैसी और कांग्रेस हैं जो उसकी आवाज़ बन रहे हैं जब उनको बिना कुछ किए वोट मिल रहा है तो आवाज़ बनने की क्या ज़रूरत है।ख़ैर किसानों का चल रहा आंदोलन अब देशव्यापी अभियान बनता जा रहा है देखना यह है कि दुनिया की सबसे मज़बूत सरकार का दम भरने वाली मोदी सरकार या योगी सरकार कब हार मानती हैं या किसान ही हार मानते हैं यह बात अभी तय होनी बाक़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed