बसपा में दलित मुस्लिम गठजोड़ पर विचार, विपक्षी दलों में बढ़ी बेचैनी l

हरिद्वार : बहुजन समाज पार्टी ने रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर तेजी पकड़ ली है। चुनाव के संबंध में आज बसपा के प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल सिंह ने पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ की गई बैठक में जिस तरह आक्रामक तेवर दिखाए है । उससे साफ हो है कि बहुजन समाज पार्टी रुड़की नगर निगम के चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरने जा रही है। पार्टी रणनीतिकारों ने भी जीत के समीकरणों पर काम शुरू कर दिया है। दलित मुस्लिम गठजोड़ के समीकरणों पर विचार शुरू कर दिया गया है। ऐसा कर बसपा रणनीतिकारों की पहली कोशिश कांग्रेस पर दबाव बनाने की है।

उनका मानना है कि यदि दलित मुस्लिम गठबंधन पर पहले ही काम शुरू कर दिया जाएगा तो ऐसे में कांग्रेस को बसपा के हक में मैदान छोड़ने को मजबूर होना पड़ेगा। चुनाव विश्लेषक भी मान रहे हैं कि यदि बहुजन समाज पार्टी ने दलित मुस्लिम गठजोड़ के तहत प्रत्याशी का चयन कर दिया तो निश्चित रूप से कांग्रेस बैकफुट पर आ जाएगी। क्योंकि कांग्रेस भी मुस्लिम वोट को ही अपना आधार वोट मानकर चल रही है और यदि इसी वोट को बहुजन समाज पार्टी ने अपनी रणनीति के तहत खींच लिया तो निश्चित रूप से कांग्रेस चुनाव में खिसक जाएगी। ऐसी स्थिति में रुड़की नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस की हालत कुछ सहारनपुर नगर निगम के चुनाव जैसी हो जाएगी।

क्योंकि सहारनपुर नगर निगम के चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी ने दलित मुस्लिम गठजोड़ के आधार पर ही हाजी फजलुरहमान को चुनाव मैदान में उतारा था। जबकि कांग्रेस ने मुस्लिम मोटो को अपना मजबूत आधार मानते हुए प्रत्याशी का चयन किया था। लेकिन जब चुनाव नजदीक आया था तो पूरी फिजा बदल गई थी और बहुजन समाज पार्टी का दलित मुस्लिम गठजोड़ कारगर साबित हुआ था। हालांकि बहुजन समाज पार्टी यहां पर मामूली अंतर से चुनाव हार गई थी। लेकिन कांग्रेस की हालत इतनी पतली हो गई थी कि वह मुकाबले में रहने तो दूर उसे जमानत बचाने के लाले पड़ गए थे। यहां पर चुनावी हार के लिए बसपा के रणनीतिकारों ने ही नहीं बल्कि अन्य पार्टी विपक्षी पार्टी के नेताओं ने भी भाजपा की जीत के लिए पूरी तरह कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। अब ऐसी ही कुछ स्थिति रुड़की नगर निगम में बनाई जा रही है।

बसपा के रणनीतिकार अभी से कहने लगे हैं कि यदि कांग्रेस को सांप्रदायिक ताकतों को हराना है तो उसे बहुजन समाज पार्टी के साथ आना होगा। सहारनपुर नगर निगम चुनाव जैसी गलती नहीं करनी होगी। बसपा के रणनीतिकार स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यदि ही सहारनपुर नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी का साथ दे देती तो निश्चित रूप से भाजपा चुनाव में बुरी तरह हारती। लेकिन कांग्रेस की जिद ने वहां पर भाजपा को जीतने का मौका दिया। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल सिंह का कहना है कि कांग्रेस के रणनीतिकार रुड़की नगर निगम के चुनाव में सहारनपुर जैसी गलती नहीं दोहराएंगे। वह यहां पर भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी को हराने के लिए निश्चित रूप से अंतिम समय में बहुजन समाज पार्टी का ही साथ देंगे। बहरहाल, बहुजन समाज पार्टी की रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर दलित मुस्लिम गठजोड़ की रणनीति से कांग्रेस के रणनीतिकारों की बेचैनी बढ़ी हुई है।

वह समझ नहीं पा रहे हैं कि चुनाव में क्या रणनीति अपनाई जाए क्योंकि कांग्रेस रणनीतिकार बसपा के इस राजनीतिक दांव की काट तलाश नहीं कर पा रहे हैं। इस बात को वह अच्छी तरह समझ रहे हैं कि यदि बहुजन समाज पार्टी ने दलित मुस्लिम को फोकस करते हुए किसी मजबूत मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार दिया तो कांग्रेस की स्थिति काफी नाजुक हो जाएगी। अब ऐसे में रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर बसपा से गठजोड़ किया जाए या फिर उसके राजनीतिक दांव की काट के लिए कोई और नया दांव खेला जाए। अलबत्ता कांग्रेस के पूर्व जिला प्रवक्ता एडवोकेट राजेंद्र चौधरी का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी समाजवादी पार्टी लोकदल क्या रणनीति अपना रही है। इससे कांग्रेस को कोई लेना देना नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि बहुजन समाज पार्टी ,सपा और लोकदल का जोर भी मुस्लिम वोट अपनी ओर खींचने पर रहेगा तो इससे कहीं ना कहीं भाजपा को फायदा होगा। इसीलिए सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। तभी भाजपा को हराया जा सकेगा। इस संबंध में प्रदेश स्तर पर सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टी के नेताओं के बीच बातचीत की पहल होनी चाहिए।

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