कमीशन खोरी के चक्कर से स्वच्छ भारत अभियान दम तोड रहा है l
चन्दौली : जहां प्रधानमंत्री के अभियान के तहत धरना व छित्तम पुर मे शौचालय बनाये गये है, वह अपूर्ण है तथा कुछ शौचालयों में खुले में खुदे गहरे गढ्ढे ढक्कन के अभाव में पशु भी उसमें गिरकर घायल हो रहे है धरना गाँव की राजनीति के चलते सभी परिवारों के यहाँ शौचालयों का निर्माण नही हो सका है और लोग अपने घरों में शौचालय निर्माण कराने की लिए प्रधान एवं अधिकारियों के गुहार लगा रहे है यह बात अलग है कि इसके बावजूद धरना व छित्तम पुर गाँव को ओडीएफ शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है वहीं जो पहले शौचालय बनवाए गए थे उनकी लागत इतनी कम थी जिससे शौचालय निर्माण कराया ही नहीं गया सभी जानते हैं कि अधिकांश शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायत के प्रधान व सेक्रेटरी के द्वारा कराया जाता है प्रधान और सेक्रेटरी मिलकर इन शौचालयों को बीडीओ के निर्देशन में निर्माण कराते हैं ग्राम प्रधान वं ग्राम विकासअधिकारी द्वारा अधिकांश जगहों पर शौचालयों का निर्माण खुद न करवा कर ठेकेदारों से करवाया जाता है और ठेकेदारी का कार्य कितना गुणवत्ता पूर्ण होता सभी जानते हैं शौचालयों के निर्माण में जितने लोग साझीदार होते हैं वह सभी इस योजना के लाभ के हकदार होते हैं परिणाम यह होता है कि शौचालयों की लागत का एक चौथाई भाग कमीशन के रूप बंदरबांट हो जाता है अब सोचने वाली बात है कि इस बंदरबांट के बाद बची धनराशि से बनाये शौचालयों का निर्माण कितनी गुणवत्तख होती है यही कारण है जो शौचालय गांव मे बनवाए हैं स्थाई स्वच्छता की बात करती है तो इसके लिए उसे स्थाई शौचालय निर्माण कराने के साथ ही पुराने की मरम्मत करवाना जरूरी है l
रिपोर्टर : शमशेर चौधरी l