डेंगू व मलेरिया से बचाव हेतु एनएसएस ने चलाया जागरूकता अभियान।
देहरादून : राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई राजकीय इंटर कॉलेज छरबा देहरादून के एनएसएस वॉलिंटियर्स के द्वारा अपने परिवार जनों को डेंगू व मलेरिया के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र सिंह बुटोइया के द्वारा ऑनलाइन जानकारी एवं संदेशों के माध्यम से स्वयंसेवी अपने परिवार जनों को पड़ोसियों को जागरुक कर कर रहे हैं वर्षा ऋतु के आगमन से पूर्व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डेंगू की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की डेंगू के लक्षण में अचानक तेज सिर दर्द, बुखार, मांस पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना जो आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मचलाना एवं उल्टी होना। गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना इसकी पहचान है। डेंगू मच्छर के पनपने की जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है। कहीं आपके घर में या आसपास पानी तो जमा ना हो जैसे कूलर पानी की टंकी पक्षियों व पशुओं के पीने का बर्तन फ्रिज की ट्रे फूलदान नारियल का खोल टूटे बर्तन टायर डिस्पोजल बर्तन गिलास आदि में डेंगू का मच्छर पनपता है डेंगू के मच्छर को पनपने से रोकने के उपाय की जानकारी देते हुए बताया गया कि पानी से भरे हुए बर्तनों को ढक कर रखें प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लाएं। डेंगू मच्छर दिन के समय काटता है ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढक सके तथा मच्छर रोधी क्रीम, क्वायल, रिप्लांट, मच्छरदानी आदि का यथासंभव उपयोग करें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पेरासिटामोल ले सकते हैं। दवाई का इस्तेमाल अपने आप ना करें। डॉक्टर की सलाह से ही दवाई लें। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पढ़ती है । इसी प्रकार मलेरिया रोग के लक्षण हैं जैसे सर्दी कंपन के साथ बुखार आना, तेज बुखार व सिर दर्द होना, व बुखार आते समय पसीना पसीना होना आदि। मलेरिया से बचाव के लिए बुखार होने पर तत्काल खून की अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क जांच कराएं। अपने घर के आसपास पानी जमा ना होने दें। पानी के बर्तन ढक कर रखें। हैंड पंप के आसपास पानी जमा न होने दें। बासी भोजन का सेवन ना करें। उबला हुआ पानी ही प्रयोग में लाएं। बुखार होने पर रोगी को ज्वर उपचार केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र जाने को प्रेरित करें। सभी प्रकार की बीमारियों से बचने के लिए अपने घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखें। स्वस्थ शरीर को बनाए रखने में सहयोग करें। एक दूसरे को जागरूक करें। तभी जाकर हम को बीमारियों से बचाव में सहायता मिल सकती है और हमारी निरोगी काया बन सकती है। सुरक्षा ही उपचार से बेहतर है।