टिहरी एवं पौड़ी गढ़वाल के जिला सहकारी बैंक एवं सहकारी समितियों की समीक्षा की गई।

देहरादून : दिनांक 13 अगस्त 2020 को विधानसभा स्थित कार्यालय में सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने आज सहकारिता विभाग के अंतर्गत जनपद टिहरी एवं पौड़ी गढ़वाल के जिला सहकारी बैंक एवं सहकारी समितियों की समीक्षा की गई। बैठक में घाटे में चल रही सहकारी समितियों एवं बैंकों की जानकारी लेते हुए, विभागीय अधिकारियों को ऐसी समितियों एवं बैंकों का व्यवसाय बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला सहाकारी बैंक के अध्यक्ष, महाप्रबंधक व सहायक निबंधक सहकारिता की तीन सदस्यीय समिति गठित कर 25 अगस्त तक इस संबंध में रिपोर्ट निबंधक सहकारिता को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

विशेषकर जिन समितियों के पास अपने भवन नहीं हैं, वार्षिक व्यवसाय एक करोड़ से कम है, जिनकी सदस्यता संख्या 500 किसानों से कम है तथा समितियों में आंकिक एवं सचिव तैनात नहीं हैं उनके समायोजन या बंद करने संबंधी प्रस्ताव मांगे गये हैं।
बैठक में जनपदवार समीक्षा करते हुए विभागीय मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर जो सहकारी समितियां घाटे में चल रही हैं उन्हें या तो नजदीकी समितियों के साथ समायोजित कर दिया जाय या फिर घाटे से उभारा जाय। इसी प्रकार घाटे में चल रहे सहकारी बैंकों की शाखाओं को भी लाभ में लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। डाॅ. रावत ने कहा कि जिला सहाकारी बैंक के अध्यक्ष, महाप्रबंधक एवं सहायक निबंधक सहकारिता जनपद में विकासखंडवार भ्रमण कर घाटे में चल रहे सहकारी समितियों के समायोजन एवं नई बैंक शाखाओं के लिए प्रस्ताव 25 अगस्त तक निबंधक सहकारिता को प्रस्तुत करेंगे। साथ ही क्षेत्र की आवश्यकतानुसार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के प्रस्ताव भी तैयार करेंगे। प्रत्येक एफपीओ में पर्वतीय क्षेत्र में 100 सदस्य जबकि मैदानी क्षेत्र में 300 सदस्यों का होना आवश्यक है। पौड़ी जनपद में तीन सदस्यीय समिति के साथ उत्तराखंड सहाकारी संघ के उपाध्यक्ष मातबर सिंह रावत एवं उत्तराखंड सहकारी रेशम संघ के उपाध्यक्ष दयाल सिंह चैहान भी मौजूद रहेंगे। विभागीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सहकारी बैंक द्वारा विभिन्न योजनाओं में ऋण वितरण किया जा रहा है।

जिसके आदेश बैंकों एवं विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। स्वरोजगार योजना से उम्मीद जगी है कि कई समितियां एवं बैंक घाटे से उभरने में सफल रहेंगे। उन्होंने बताया कि जिन स्थानों पर सहकारी समितियां समायोजित की जायेंगी वहां पर बहुउद्देशीय सेवा केंद्र स्थापित किये जायेंगे। बैठक में समितियों में सदस्यता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया तथा आवश्यकता अनुसार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के प्रस्ताव भी शीघ्र विभाग को भेजे जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।

बैठक में उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ लि0 मातवर सिंह रावत, उपाध्यक्ष उत्तराखंड सहकारी रेशम संघ दयाल सिंह चैहान, निबंधक सहकारिता बी.एम. मिश्रा, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, प्रभारी उप निबंधक मान सिंह सैनी, अध्यक्ष जिला सहकारी बैक कोटद्वार नरेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष जिला सहकारी बैक टिहरी सुभाष रमोला, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक पौड़ी मनोज कुमार, महाप्रबंधक जिला सहाकरी बैंक टिहरी पी.पी. सिंह, उप महाप्रबंधक टिहरी मुखराम प्रसाद, जिला सहायक निबंधक टिहरी बी.एस.राणा, अपर जिला सहकारी अधिकारी टिहरी वी.एम.एस नेगी, लक्ष्मण सिंह रावत, अपर जिला सहकारी अधिकारी पौड़ी एन.पी.एस. चैहान,जे.एस. बिष्ट सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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