टिहरी : 98 वर्ष की बेसहारा महिला, की पेंशन का आधार बना रोड़ा I

टिहरी गढ़वाल : वरिष्ठ नागरिक महिला अपनी समस्या को लेकर खा रही है दर-दर की ठोकरें, निराश्रित विधवा एवं बृद्धा 98 वर्षीय श्रीमती मन्दादेवी धर्मपत्नी स्व0 श्री क्योलीसिंह निवासी ग्राम- मुखमालगांव, तहसील- प्रतापनगर, की विधवा पेंशन विगत तीन वर्षों से रुके होने के निस्तारण के लिए I

प्रार्थिनी, ग्राम-मुखमालगांव, पोस्ट- खम्बाखाल (उपली- रमोली) तहसील- प्रतापनगर, जिला- टिहरी गढवाल की मूल निवासी है। यह महिला 28वर्ष की उम्र में विधवा हो गई थी। इसके बाद इनका एक मात्र अकेला बेटा सुन्दर सिंह था,जो इसके आज के बुढापे का सहारा होना था, परन्तु उसकी मृत्यु सन् 1978 में उत्तरकाशी से लम्बगांव आ रही बस की दुर्घटना में हो गई थी, उस समय बेटे की उम्र 22 वर्ष की थी। तब से ही उक्त महिला अपने जीवन जीने के लिए संघर्ष करती आ रही है, अब इनके बुढापे की परिवरिश करने वाला, अपना कोई नहीं बचा हुआ है।

महोदया सन् 1980 से इनको विधवा पेंशन सरकार से मुहैया हो रही थी, वह अब विगत तीन वर्षों से बन्द है, क्योंकि आधार कार्ड न होने की वजह से समाज कल्याण विभाग ने इनकी पेंशन रोक दी है। बिगत पांच सालों से इनकी स्थिति यह है कि उक्त महिला अपने घर से बाहर चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हो गई है। वह कहीं अपना आधार कार्ड बनाने को घर से बाहर, कत्तई भी नहीं जा आ सकती, कारण है! अब उनके हाथ-पैर, आंख-कान बिल्कुल काम नहीं कर रहे हैं इसलिये इनका आधार कार्ड इनके घर में ही बनवाया जाय। या तो बिना आधार कार्ड के इनकी पेंशन को आगे शेष जीवन के लिए जारी रखा जाय।

अत:आपसे विनम्रतापूर्वक निवेदन है कि सम्बन्धित विभाग को निर्देशित किया जाय। इस पात्र एवं बेसहारा महिला की रुकी हुई पेंशन के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाय, तथा कृत कार्यवाही से मुझे पत्र द्वारा अवगत किया जाय, आपकी अति कृपा होगी।
शेर सिंह राणा उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य, जिला- टिहरी गढवाल उत्तराखंड l

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