झारखंड में लड़कियों का मसीहा बनना चाहती हैं ओलिंपिक चैंपियन मिस्सी फ्रैंकलिन

लंदन । संन्यास के बाद सामाजिक कार्य को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने वाली लंदन ओलिंपिक (2012) की स्वर्ण पदक विजेता मिस्सी फ्रैंकलिन ने कहा कि वह झारखंड स्थित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘युवा’ के साथ काम कर रही है जिनका मकसद लड़कियों के लिए स्थायी स्कूल बनाना है।
लंदन ओलिंपिक में चार स्वर्ण पदक जीतने वाली 24 साल की मिस्सी को प्रतिष्ठित लॉरेस पुरस्कारों में पिछले साल ‘युवा’ को सम्मानित करने को कहा गया था। युवा के कार्यों और वहां की लड़कियों से प्रभावित होने के बाद मिस्सी लगातार उसके संपर्क में है
उन्हें हाल ही में इसके बोर्ड में शामिल होने का निमंत्रण मिला जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहते हुए उत्साहित हूं कि मैं लॉरेस अकादमी की सदस्य होने के साथ-साथ युवा में बोर्ड सदस्य भी हूं । वे लड़कियों के स्कूल के लिए काफी काम कर रहे है।’
ओलिंपिक में पांच स्वर्ण और विश्व चैम्पियनशिप में 11 बार जीत दर्ज करने वाली इस तैराक ने कहा, ‘अंतत: हमारी योजना वहां एक स्थायी बालिका विद्यालय बनाने की है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *