गर्भवती महिलाएं लगवा सकती है वैक्सीन : आईसीएमआर।।

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को महत्वपूर्ण हथियार हैं लेकिन वैक्सीनेशन के दायरे से प्रेग्नेंट महिलाएं बाहर हैं तो दूसरी तरफ बच्चों के मामले में ट्रायल चल रहा है। क्या अब गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो सकेगा। इस सवाल के जवाब में आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में गाइडलाइंस जारी की गई है कि गर्भवती महिलाओं को भी टीका दिया जा सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं का टीकाकरण जरूरी है और उन्हें दिया जाना चाहिए।

अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के वेरिएंट के खिलाफ काम करते हैं। डेल्टा प्लस 12 देशों में मौजूद है। भारत में 48 मामलों की पहचान की गई है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे बहुत स्थानीयकृत है।

इस वायरस को भी अब अलग और सुसंस्कृत कर दिया गया है। हम वही परीक्षण कर रहे हैं जो हमने अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के लिए किया है। टीके के प्रभाव की जांच के लिए प्रयोगशाला परीक्षण को देखते हुए और हमें लगभग 7 से 10 दिनों के समय में परिणाम मिलने चाहिए।

बच्चों के टीकाकरण पर शोध जारी

एक ही देश है जो इस समय बच्चों को वैक्सीन दे रहा है। क्या बहुत छोटे बच्चों को कभी टीके की आवश्यकता होगी, यह अभी भी एक प्रश्न है। जब तक हमारे पास बच्चों के टीकाकरण पर अधिक डेटा नहीं होगा, हम बड़े पैमाने पर बच्चों का टीकाकरण करने की स्थिति में नहीं होंगेहालाँकि, हमने 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर एक छोटा अध्ययन शुरू किया है और हमारे पास सितंबर या उसके बाद के परिणाम होंगे। हालां, अंतरराष्ट्रीय जूरी अभी भी बाहर नहीं है और वे अभी भी बहस कर रहे हैं कि क्या बच्चों को टीकाकरण की आवश्यकता है। हमने अमेरिका में कुछ जटिलताएं देखी हैं।

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