उत्तराखंड : फर्जी कॉल सेन्टर के जरिए देसी एवं विदेशियों को चूना लगाने वाले चढ़े पुलिस के हत्थे जड़े I

देहरादून : विदेशी नागरिकों को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में खराबी के नाम पर पाँच युवकों द्वारा फर्जी कॉल सेंटर खोलकर लाखों का चुना लगाने वालों का देहरादून पुलिस ने कल शाम भंडाफोड़ किया है। देहरादून पुलिस ने जॉइंट आपरेशन के तहत इन सभी अभियुक्तों को उनके फर्जी कॉल सेन्टर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों द्वारा दून बिज़नेस पार्क व संधू पार्क से संचालित होने वाले कॉल सेंटरों में छापा मारकर आरोपियों के सभी कंप्यूटर व हार्ड डिस्क को भी कब्ज़े में ले लिए है। अभी आरोपी उच्च शिक्षित व साइबर एक्सपर्ट बताये जा रहे है।
बीते 10 दीन पहले कैनेडियन पुलिस द्वारा दून पुलिस को सूचित किया गया की देहरादून में स्थित कुछ कॉल सेन्टर द्वारा वहां के नागरिकों को उनके कंप्यूटर्स में सॉफ्टवेयर-मिक्रोसॉफ्ट वर्ड में तकनीकी खराबी/वायरस आने के चलते ठीक करने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे है। कैनेडियन पुलिस के अनुसार कनाडा के अलावा यू.के., ऑस्ट्रलिया, यू.एस.ए. जैसे देशों के नागरिकों से भी इन्ही कॉल सेंटरों द्वारा अपने आपको प्रतिष्ठित कंपनियों के तकनीकी सहायक बताकर उनके कंप्यूटरों की खराबी सही कर यह कॉल सेंटर्स अब तक लाखों रुपये ठग चुके है। इस बात की गंभीरता को जांचते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती द्वारा संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया व इस मामले को जल्द से जल्द हल करने के निर्देश दिये। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पंकज गैरोला, क्षेत्राधिकारी (सदर), शेखर चंद्र सुयाल क्षेत्राधिकारी(नगर), एस.ओ.जी. देहरादून, पुलिस टीम थाना पटेलनगर, वसंत विहार,क्लेमेंट टाउन की चार अलग-अलग टीम गठित की गयी व मामले की जांच शुरू करवाई गयी।फलस्वरूप कल शाम पुलिस टीम द्वारा पटेल नगर स्थित सन्धु सेन्टर व क्लेमेनटाउन स्थित दून बिज़नेस पार्क पर एक साथ छापा मार सभी पाँच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने सभी आरोपियों के पास से ठगी करने के लिए इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर्स(04), लैपटॉप(03), हार्ड डिस्क(27), मोबाइल(03),पेन ड्राइव(01) व रजिस्टर, भी जब्त किये है।
पकड़े गए आरोपियों में रंजन कुमार(26)पुत्र विजय कुमार निवासी झारखंड़ हाल निवासी चंद्रबनी पटेलनगर, मयंक बंसल(28)पुत्र सुरेश बंसल, संदीप राणा(41) पुत्र करतार चंद दोनो निवासी चंद्रबनी पटेलनगर, राजा लांबा पुत्र कुमार लांबा निवासी राजपुर, अंशुल श्रीवास्तव पुत्र त्रिपुरारी निवासी पटेलनगर, सभी मूल रूप से बाहरी राज्यों के रहने वाले है। पकड़े गए सभी आरोपी उच्च शिक्षित है व साइबर एक्सपर्ट है जिसकी वजह से उनके द्वारा आसानी से विदेश में वहां के नागरिकों को उनके कंप्यूटर सिस्टम में तकनीकी खराबी के नाम पर लाखों रुपये का चुना लगाया गया। पुलिस के अनुसार उनके द्वारा एक व्यक्ति से तकरीबन 2500/- डॉलर तक हड़पे जाते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में धारा 417, 418, 419, 420, 467, 468, 469, 471 व साइबर क्राइम के आरोप में आई0टी0एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

अपराध का तरीका
पकड़े गए सभी आरोपी कंप्यूटर के अच्छे जानकर थे तथा वेबसाइट बनाना और दूसरों के कंप्यूटर में आसानी से एक्सेस करने जैसे काम जानते थे। उनके द्वारा विदेश में रहने वाले नागरिकों को अपने आपको प्रतिष्ठित कंपनी का तकनीकी सहायक बताया जाता था व लोगों के कंप्यूटरों में आने वाली तकनीकी खराबियों को सही करना अपना काम बताते थे। उनके द्वारा विदेशियों को उनके कंप्यूटर सिस्टम में मौजूद माइक्रोसॉफ्ट- वर्ड में तकनीकी खराबी बताई जाती थी व उन्हें विश्वास में लेने के लिए उनके कंप्यूटर्स में तकनीक की मदद से बार-बार पोप अप दिखाया जाता था जिससे उन्हें सही में अपने सिस्टम की उस खराबी को दूर करने की जरूरत लगे। लोग जब उनके झांसे में आ जाते थे तो वो उस समस्या को सुलझाने के नाम पर उनसे मोटी रकम हड़प लेते थे।

नकली साइट के रूप में भी थे सक्रिय
किसी को उन पर शक न हो इसके लिए उनके द्वारा तकनीकी रूप से फर्जी साइट के रूप में भी इंटरनेट पर सक्रियता दर्शायी जाती थी ताकि कोई अगर उन्हें इंटरनेट पर तकनीकी सहायक के रूप में ढूंढे तो वो ढूंढने वाले को दिखाई दे और उनकी बात सच मानकर उनके झांसे में आ जाए।

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