आए दिन हो रही हत्याओं व बलात्कार की घटनाओं का जिम्मेदार कौन सरकार या समाज या फिर दोनों : जितेन्द्र सनातनी l

उत्तर प्रदेश : भारत के अलग अलग राज्यों में हो रहे कत्लेआम ओर बलात्कार की घटनाएं रोइ अखबारों में पड़ने को मिलती हैं, अभी कुछ दिनों से रेप की घटनाएं बहुत अधिक संख्या में बढ़ गई हैं ऐसे में सरकार पर सवाल उठाना बिल्कुल सही है, पर रेप जैसी घटनाओं पर सिर्फ सरकार जिम्मेदार है ! क्या हमारी मानसिकता नही ! हम ऐसे समाज मे रहते हैं जंहा महिलाओं को पूजा जाता है अभी नवरात्रि पर बच्चियों को लक्ष्मी स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाएगी, शायद ही कोई घर ऐसा होगा जंहा पूजा नही होगी, पर हम उन्ही देवियों के साथ गकत करते हैं, क्या यह संस्कार बचे हैं हम में! बात सरकार की करते हैं तो सिर्फ उत्तर प्रदेश में रोज कई घटनाएँ हो रही हैं जिसकी खबर अखबार न्यूज़ चैनल पर सुनने को मिल जाती हैं, क्या सरकार इन घटनाओं पर रोक लगाने में असफल हो रही है, अभी पीछे की कुछ घटनाओं में जातिवादी कार्ड भी खूब खेला गया था , सवाल लौटकर यही आता है कि जिम्मेदार कौन है इन सभी घटनाओं के पीछे वो बहसी दरिन्दे हैं जिन्हें कोई भी रिश्ता नही दिखता जिन्हें नही दिखता की मेरे भी बहन है मेरे भी बेटी है,

या वो सरकार जो ढील देती है अपराधियों को सजा दिलाने में या वो प्रशाशन कानून जो अपराधियों को बचा लेते हैं, पूरे समाज को सोचना चाहिए एक जैसी सोच रखनी चाहिए जो गलत है वो गलत है फिर उसमें जाती या धर्म देखकर समर्थन या विरोध नही होना चाहिए,
प्रदेशों में हो रही घटनाओं के बारे में सोचना चाहिए फिर चाहे राजस्थान में एक साधु को जिंदा जला देने के मामले हो या लखनऊ उत्तर प्रदेश में एक लड़की का खुद को आग लगा लेना हो या फिर उत्तर प्रदेश में ही एक लड़की का न्याय मांगते मांगते आत्महत्या कर लेना हो ओर पता नही कितनी घटनाएं जो आपके ओर हमारे समक्ष न आ पाती हों और घट जाती हैं पता नही कितनी घटनाओं की तो रिपोर्ट ही न लिखी जाती हो और न जाने ऐसी कितनी घटनाएं होती हैं पूरे भारत मे जिनका पता भी नही चलता है न कोई अखबार न कोई न्यूज़ चेनल किसी मे भी किसी भी घटना का जिक्र नही होता होगा ,
इन सभी बातों पर गौर करना चाहिए की यही देश देकर जाएंगे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को, यही मरता संविधान जलते लोग इज्जत लुटती महिला यही देकर जाएंगे हम, सरकारों को भी देखना चाहिए कि जब सब कुछ पूरा प्रशाशन आपके हाथों में तो ऐसी घटनाएं क्यं घटित होती हैं !
देश के हालातों पर जब सोचता हूँ तो दुख होता है कि किसी की बहन बेटी माँ सुरक्षित नही है हर रोज घटनाएं हो रही हैं और सरकारें आंखे मुंद कर बैठी हुई है, एक बार हम सबको मिलकर यह सोचना होगा कि असली जिम्मेदार कौन है, आए दिन हो रही हत्याओं व बालात्कार की घटनाओं का जिम्मेदार कोन सरकार या समाज या फिर दोनों l

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