अब्दुल्ला ने रिहा होते ही प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा l

रामपुर : पुलिस लाइन से छूटने के बाद विधायक अब्दुल्ला प्रशासन पर जमकर बरसे। तमाम सपाइयों के साथ सीधे मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे और धरना देकर बैठ गए, अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन ने जुल्म ज्यादती की हदें पार कर दी है । अब आर-पार की लड़ाई होगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव किसी भी समय रामपुर पहुंच सकते है ।

अब्दुल्ला आजम को पुलिस ने बुधवार दोपहर शांतिभंग के आरोप में जौहर यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार किया था। पुलिस उन्हें पकड़कर पुलिस लाइन ले गई। करीब छह घंटे तक उन्हें और उनके दोस्त सालिम और अनवार के साथ पुलिस लाइन में रखा गया। इसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। उनके वहां से छूटने से पहले ही तमाम सपाई पुलिस लाइन के पास आ गए।

अब्दुल्ला बाहर आए तो सपाई नारेबाजी करते हुए सपा कार्यालय पहुंचे। कुछ देर मीटीग करने के बाद सपाई जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गए। वहां गेट पर मोमबत्ती जलाकर धरना देकर बैठ गए। यहां अब्दुल्ला ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी को बर्बाद करने की ठान ली है ताकि गरीबों को शिक्षा न मिल सके। किताबें चोरी करने के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं, कोई चोरी नहीं की गई है। आज से हमने आंदोलन की शुरुआत कर दी है। किसी भी हाल में झुकने वाले नहीं हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव भी किसी भी वक्त रामपुर आ सकते हैं। अब प्रशासन से आर-पार की लड़ाई होगी।

पुलिस उन्हें लेकर जा रही थी तो उन्होंने गेट पर माडिया से भी बात की। कहा कि पुलिस प्रशासन ज्यादती कर रहा है। जुल्म की सारी हदें पार कर दी हैं। शिक्षा के मंदिरों को बर्बाद करने की कोशिश हो हो रही है। भाजपा सरकार मुसलमानों को परेशान करने में लगी है।

बिलारी के विधायक मुहम्मद फहीम भी अब्दुल्ला से मिलने के लिए पहुंचे।

इस मौके पर चमरौआ के विधायक नसीर खां, बिलारी के विधायक मोहम्मद फहीम, सपा नगराध्यक्ष आसिम राजा, पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेंद्र चौहान अनवार अहमद, सालिम, आदि मौजूद रहे।

वही, पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि अब्दुल्ला सर्च अभियान में अवरोध कर रहे थे। उन्हें शांति भंग में गिरफ्तार किया गया। शाम को उन्हें निजी मुचलके पर मजिस्ट्रेट ने छोड़ दिया। पूछताछ चल रही है। सपा नगराध्यक्ष आसिम राजा समेत कई नेताओं को रात में हिरासत में लिया गया था, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के चारों कर्मचारी भेजे गए जेल

पुलिस ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी पर छापा मारकर दो हजार किताबें बरामद की थीं। इसके साथ ही मदरसा आलिया की चार अलमारी भी मिली थीं। इस मामले में पुलिस ने चार कर्मचारी वसीउर्रहमान, फहीम मियां, नासिर अली और फिजा उल्लाह को गिरफ्तार कर लिया। एक महिला कर्माचारी को थाने से ही जमानत पर छोड़ा गया है। इन्हें मंगलवार को ही हिरासत में लिया था। रात में उनसे पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

बुधवार को भी सर्च अभियान जारी रहा। पांच सौ किताबें और मिली हैं। एसपी ने बताया कि मदरसा आलिया से किताबें चोरी होने के मामले की रिपोर्ट 16 जून को हुई थी। तब किसी को नामजद नहीं किया गया था। विवेचना के दौरान पता चला कि किताबें जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में हैं। इस पर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में सर्च अभियान चलाया गया। यूनिवर्सिटी के चांसलर सांसद आजम खां हैं। इसलिए उनका नाम भी किताबें चोरी के मुकदमे में शामिल कर लिया गया है।

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