“देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर” परियोजना पर तेजी से काम शुरू

  • रिस्पना और बिंदाल नदी पर बनेगा चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर
  • राजधानी देहरादून में यातायात सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम
  • बाढ़ सुरक्षा के लिए नदियों के दोनों किनारों पर बनेगी रिटेनिंग वाल
  • नदी किनारे सौंदर्यीकरण कर पर्यावरण को ध्यान में रखकर होगा विकास

परियोजना की शुरुआत और उद्देश्य

राजधानी देहरादून में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। यह कॉरिडोर रिस्पना और बिंदाल नदी पर बनाया जाएगा, जिससे यातायात सुगम होगा और शहर में जाम की समस्या कम होगी।


महत्वपूर्ण बैठक और योजनाओं पर चर्चा

मंगलवार को राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय में इस परियोजना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने परियोजना की प्रस्तुति दी और जन प्रतिनिधियों से सुझाव लिए। इस बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा ‘काऊ’, सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, खजान दास, देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


परियोजना में पर्यावरण और संरचना पर विशेष ध्यान

जनप्रतिनिधियों ने इस प्रोजेक्ट को यातायात सुधार और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस परियोजना में मास्टर प्लान के तहत ड्रेनेज सिस्टम, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट और विस्थापन से जुड़े पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्य निर्देश:

  • परियोजना के लिए विशेष प्रयोजन इकाई (SPV) बनाई जाएगी
  • इसमें एमडीडीए, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी होंगे
  • निर्माण कार्य को समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाएगा

तकनीकी और वित्तीय जानकारी

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि फिजिबिलिटी स्टडी, समरेखण और डीपीआर पहले ही तैयार की जा चुकी है। इसके अलावा, आईआईटी रुड़की द्वारा हाइड्रोलॉजिकल मॉडल स्टडी भी पूरी कर ली गई है।

रिस्पना नदी पर एलिवेटेड कॉरिडोर:

  • लंबाई: 11 किलोमीटर
  • लागत: ₹2500 करोड़
  • शुरुआत: रिस्पना सेतु (विधानसभा के पास)
  • समाप्ति: नागल ब्रिज
  • महत्वपूर्ण जंक्शन: सहस्रधारा चौक, धोरण-आईटी पार्क रोड

बिंदाल नदी पर एलिवेटेड कॉरिडोर:

  • लंबाई: 15 किलोमीटर
  • लागत: ₹3750 करोड़
  • शुरुआत: बिंदाल ब्रिज (कारगी चौक के पास)
  • समाप्ति: राजपुर रोड, साई मंदिर के पास
  • महत्वपूर्ण जंक्शन: लाल पुल चौक, बिंदाल तिराहा, विजय कॉलोनी, मसूरी डायवर्जन

परियोजना के लाभ

  1. यातायात दबाव में कमी – शहर में जाम की समस्या हल होगी
  2. बाढ़ सुरक्षा – नदियों के किनारे रिटेनिंग वाल बनने से बाढ़ का खतरा कम होगा
  3. पर्यावरणीय सौंदर्यीकरण – नदियों के किनारों को सुंदर और स्वच्छ बनाया जाएगा
  4. सुविधाजनक आवागमन – लोगों को शहर में आने-जाने में आसानी होगी
  5. आर्थिक विकास को बढ़ावा – आधुनिक बुनियादी ढांचे से व्यापार और टूरिज्म को फायदा मिलेगा

निष्कर्ष

देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना राजधानी के यातायात और बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव लाने वाली है। सरकार ने इसे समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने का संकल्प लिया है। परियोजना के तहत यातायात सुधार, पर्यावरण संरक्षण और बाढ़ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा, जिससे देहरादून को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर के रूप में विकसित किया जा सकेगा।

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