गाजियाबाद में श्रम विभाग और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने गोष्ठी का आयोजन किया। अपर जिला जज ने बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति जिनकी वार्षिक आय तीन लाख से कम है वे मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 10 मई 2025 को होगी जिसमें आपसी सुलह से विवादों का निपटारा किया जाएगा।
श्रम विभाग और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से संयुक्त रूप से उप श्रमायुक्त कार्यालय परिसर में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिला न्यायालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और कानून व्यवस्था के बारे में श्रमिकों, ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई।
अपर जिला जज कुमार मिताक्षर ने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर नि:शुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
मोटर ट्रांसपोर्ट एक्ट के तहत उनके द्वारा जारी किए गए चालान का भी लोक अदालत में निस्तारण कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 10 मई 2025 को आयोजित की जाएगी, जिसमें अधिक से अधिक लोग आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से अपने विवादों का निपटारा करा सकते हैं।
उन्होंने श्रमिक व औद्योगिक संगठनों से अपील करते हुए कहा कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकते हैं। इसका प्रचार-प्रसार करें, ताकि अधिक से अधिक मामलों का निस्तारण हो सके। इस अवसर पर उप श्रमायुक्त अनुराग मिश्रा, विधिक सलाहकार विचित्रवीर सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी संदीप सिंह, हंसराज आदि मौजूद रहे।