केदारनाथ उपचुनाव: 56.78% मतदान, ग्रामीण इलाकों में सड़क की मांग को लेकर बहिष्कार

मतदान प्रतिशत सुबह कम, लेकिन दोपहर बाद बढ़ा।

ठंड के बावजूद लोग मतदान के लिए घरों से निकले।

173 पोलिंग बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान।

कई इलाकों में सड़क निर्माण की मांग पर ग्रामीणों ने बहिष्कार किया।

मतदान का विवरण

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कुल 56.78 प्रतिशत मतदान हुआ। सुबह 8 बजे मतदान शुरू हुआ, लेकिन ठंड के कारण शुरूआत में वोट डालने वालों की संख्या कम रही।

  • सुबह 11 बजे तक: केवल 17.69% मतदान।
  • दोपहर 1 बजे तक: 34.40% मतदान।
  • शाम 5 बजे तक: 56.78% मतदान।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग सुबह जल्दी मतदान कर लौट गए, जबकि बाजार क्षेत्र में दोपहर बाद ही मतदाता सक्रिय हुए। बुजुर्ग मतदाता अधिकतर दोपहर 12 बजे के बाद पोलिंग बूथों पर पहुंचे।

सुरक्षा और प्रशासन की तैयारियां

उपचुनाव के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

  • 173 पोलिंग बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ।
  • जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि विशेष बूथ जैसे महिला, दिव्यांग, युवा और दूरस्थ बूथ बनाए गए थे।
  • पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने सुरक्षा व्यवस्था का नियमित जायजा लिया।

ग्रामीणों का बहिष्कार: सड़क की मांग मुख्य कारण

कई ग्रामीणों ने मतदान से दूरी बनाए रखी।

  • बांझगडू तोक के 80 वोटरों ने सड़क की मांग पूरी न होने पर मतदान नहीं किया।
  • ध्रुवनगर तोक के अनुसूचित जाति के 350 वोटरों ने भी सड़क निर्माण न होने के कारण बहिष्कार किया।
    ग्रामीणों का कहना है कि वे पहले ही “रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा बुलंद कर चुके हैं।

ग्रामीणों का विरोध और आगे की रणनीति

ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि:

  • सड़कों की मांग को लेकर प्रधानमंत्री तक ज्ञापन भेजा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
  • ध्रुवनगर और बांझगडू के लोग आगामी पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनावों का भी बहिष्कार करने की तैयारी में हैं।
  • यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़े स्तर पर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगीकेदारनाथ उपचुनाव में मतदान प्रतिशत संतोषजनक रहा, लेकिन कई ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की मांग पूरी न होने के कारण बहिष्कार ने प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी।

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