काला धन के सुरक्षित पनाहगाह कंपनियों से होने लगी पूछताछ

मुंबई ; कई समृद्ध भारतीयों के लिए 2019 की शुरुआत बुरी खबर के साथ हुई है। दरअसल, उन्होंने देश में टैक्स चोरी कर काला धन छिपाने के लिए जिन जगहों को सुरक्षित पनाहगाह बना रखा है, उनमें एक जर्सी ने उनकी फर्जी कंपनियों की छानबीन शुरू कर दी है। दरअसल, ये कंपनियां अपना काला धन छिपाने या दूसरे देशों में निवेश करने के मकसद से खोली जाती हैं।

पिछले कुछ दिनों से जर्सी में सर्विस प्रवाइडर्स फर्जी कंपनियों और उनके सलाहकारों को साफ-साफ बता रहे हैं कि कंपनियों को कुछ गतविधियां और कुछ-न-कुछ कारोबार करना होगा। जर्सी में शेल कंपनियों पर कड़ाई की गतिविधियों से वाकिफ एक व्यक्ति ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, ‘जर्सी के शासन-प्रशासन ने विभिन्न सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिए हैं। लेकिन, इनमें एक भी कंपनी ऑपरेशनल नहीं है। खुद को सही साबित करने के लिए इन कंपनियों से ट्रांजैक्शन दिखाने होंगे जो डिस्क्लोजर और सर्विलांस स्टैंडर्ड के मद्देनजर आसान नहीं है।’

ज्यादातर मामलों में ऐसी कंपनियों के शेयर खरीदने में किए गए निवेश रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के लिबरलाइज्ड रेमिटैंस स्कीम (LRS) के दायरे से बाहर होते हैं। एलआरएस के तहत किसी भारतीय नागरिक को विदेश में सालाना अधिकतम 2.5 लाख डॉलर तक के शेयर या प्रॉपर्टी खरीदने का अधिकार है। इस तरह इन कंपनियों में निवेश नियमों के खिलाफ हैं और इससे फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट (फेमा) और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) जैसे भारतीय कानून का उल्लंघन होता है।

जर्सी में सर्विस प्रवाइडर्स ऐसी कंपनियों के पक्ष में काम करते हैं जो कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के लिए कागजी-कार्यवाही करने के साथ-साथ उन स्थानीय लोगों की व्यवस्था करते हैं जो अपने नाम डायरेक्टर्स के रूप में देने की अनुमति देते हैं। कई मामलों में ये कंपनियां टैक्स अथॉरिटीज और बैंकरप्ट्सी प्रॉसिडिंग्स की नजर से अपना काला धन छिपाने के लिए बनाए गए ट्रस्ट्स के लाभार्थी होती हैं।

अब तक काले धन से विदेशों में संपत्ति खरीदने वाले भारतीयों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की कड़ी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा है। इन संस्थानों ने पानामा पेपर्स या विभिन्न टैक्स हेवंस के साथ सूचना की साझेदारी के तहत मिले गुप्त बैंक खातों की मिली जानकारी के आधार पर इन्हें नोटिस जारी किए हैं। पहली बार जर्सी जैसा टैक्स हेवन उन कंपनियों के लिए कारोबारी गतिविधियों का पैमाना बढ़ा रहा है जो वहां वर्षों से शेल कंपनियों के रूप में काम कर रहे हैं। जर्सी नॉर्मेंडी के पूर्वी किनारे पर स्थित है। नॉर्मेंडी फ्रांस के 18 प्रांतों में एक है।

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