पांचवें देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल का भव्य समापन

टीचर ऑफ द ईयर अवॉर्ड समारोह में नवाचार और विज्ञान के महत्व पर जोर

समापन समारोह: शिक्षकों और छात्रों का सम्मान

देहरादून में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी महोत्सव का समापन “टीचर ऑफ द ईयर अवॉर्ड” के साथ हुआ।

  • मुख्य अतिथि: राज्य के पुलिस प्रमुख अभिनव कुमार ने छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी।
  • सम्मान: शिक्षकों और शोधकर्ताओं को “टीचर ऑफ द ईयर,” “प्रिंसिपल ऑफ द ईयर,” और “एक्सीलेंस इन रिसर्च” जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण और शिक्षा में नवाचार

अभिनव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि छात्रों में बचपन से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना अत्यंत आवश्यक है।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण का महत्व:
    • स्कूली स्तर पर नवाचार आधारित शिक्षा।
    • शोध और स्किल-आधारित शिक्षा पर जोर।

महोत्सव की विशेषताएं

  1. इवेंट्स और प्रदर्शनी:
    • 35 से अधिक इवेंट्स जैसे रोबोटिक्स, स्पेस साइंस क्विज, ग्रीन एनर्जी कॉन्क्लेव
    • 81 स्टॉल्स पर केंद्र और राज्य के विज्ञान संस्थानों ने प्रदर्शन किया।
  2. भागीदारी:
    • 7,000 छात्रों ने इवेंट्स में हिस्सा लिया।
    • 15,000 से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने प्रदर्शनी का आनंद लिया।
  3. शैक्षणिक और शोध संस्थान:
    • उत्तराखंड के प्रमुख संस्थानों की भागीदारी।
    • देश-विदेश से आए छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड: विज्ञान और शिक्षा का केंद्र

अभिनव कुमार ने देहरादून को “विज्ञान नगरी” बताते हुए कहा कि यह न केवल स्कूली शिक्षा के लिए बल्कि उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक शोध के लिए भी प्रसिद्ध है।

  • 35 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान यहां स्थित हैं।
  • पर्वतीय जिलों के छात्रों को महोत्सव से जोड़ने की सराहना।
  • चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत, और पिथौरागढ़ में भी इस महोत्सव के आयोजन।

महोत्सव का उद्देश्य और भविष्य

  • शोध और नवाचार का मंच:
    • छात्रों और शिक्षकों को ज्ञान-विनिमय और उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शित करने का अवसर।
  • भविष्य की योजनाएं:
    • महोत्सव को और व्यापक रूप देकर इसे शोध, विकास और नवाचार का केंद्र बनाना।
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदाय के लिए यह आयोजन एक प्रेरणा बन चुका है।

उल्लेखनीय वक्तव्य

डॉ. दुर्गेश पंत (यूकोस्ट महानिदेशक) ने कहा कि इस महोत्सव ने राज्य के सभी हिस्सों के छात्रों और विज्ञान प्रेमियों को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई है।

मुख्य बातें:

  1. सम्मान समारोह: शिक्षकों और शोधकर्ताओं को पुरस्कार।
  2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण: छात्रों में बचपन से नवाचार को बढ़ावा।
  3. विशेष आयोजन: 35 इवेंट्स और 81 स्टॉल्स।
  4. छात्रों की भागीदारी: 15,000 से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।
  5. भविष्य की योजना: महोत्सव को नवाचार और शोध का केंद्र बनाना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *