डीएम का बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन प्रोजेक्ट एडवांस स्टेज पर

शहर को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की दिशा में प्रभावी कदम
– सीएम जल्द करेंगे विशेष वाहन का फ्लैग ऑफ

महत्वपूर्ण बैठक में भिक्षावृत्ति उन्मूलन की समीक्षा

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में देहरादून के ऋषिपर्णा सभागार में भिक्षावृत्ति उन्मूलन को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा तैयार किए गए माइक्रोप्लान को डीएम ने अनुमोदन प्रदान किया। यह माइक्रोप्लान बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू कर उन्हें स्कूलों और समाज की मुख्यधारा में लाने पर केंद्रित है।

सामाजिक संगठनों के साथ एमओयू

रेस्क्यू किए गए बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए तीन प्रमुख सामाजिक संगठनों – आसरा, सर्फीना, और समर्पण – के साथ जिला प्रशासन ने एमओयू साइन किया। इन संगठनों के सहयोग से इन्टेंसिव केयर शेल्टर का प्रबंधन किया जाएगा।

प्रोजेक्ट की प्रगति

इन्टेंसिव केयर शेल्टर का निर्माण

रेस्क्यू किए गए बच्चों के लिए साधूराम इंटर कॉलेज में इन्टेंसिव केयर शेल्टर का काम शुरू हो गया है। यहां बच्चों के लिए तीन कक्ष तैयार किए जा रहे हैं, और जल्द ही मल्टी-एक्टिविटी हॉल भी बनाया जाएगा। इस शेल्टर में बच्चों के व्यवहार को सुधारने और उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष गतिविधियों का आयोजन होगा।

पेट्रोलिंग वाहनों की उपलब्धता

भिक्षावृत्ति रोकने के लिए तीन विशेष पेट्रोलिंग वाहन जिला प्रोबेशन अधिकारी को सौंपे गए हैं। इन वाहनों को इस अभियान के लिए मॉडिफाई किया जा रहा है। मुख्यमंत्री इसी माह इन वाहनों को फ्लैग ऑफ करेंगे। ये वाहन शहर में गश्त करते हुए भिक्षावृत्ति करते बच्चों को रेस्क्यू कर शेल्टर तक पहुंचाएंगे।

सामाजिक और प्रशासनिक सहभागिता

राज्यभर में लागू होगा मॉडल

शिक्षा मंत्री ने डीएम के इस भिक्षावृत्ति उन्मूलन मॉडल की सराहना करते हुए इसे कैबिनेट में लाने की बात कही है। इससे राज्य के अन्य जिलों में भी इस मॉडल को लागू कर बच्चों के भविष्य को संवारा जा सकेगा।

सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपील

जिलाधिकारी ने सामाजिक संगठनों से इस अभियान में जुड़ने और बच्चों को भिक्षावृत्ति के दंश से बाहर लाने की अपील की। उनका कहना है कि यह परियोजना बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रोजेक्ट के प्रमुख अधिकारी

इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, और जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डीएम ने इन सभी अधिकारियों की सराहना की।

निरंतर रेस्क्यू ऑपरेशन

शहर के विभिन्न चौराहों पर 12 होमगार्ड्स की तैनाती की गई है, जो रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद कर रहे हैं। अब तक कई बच्चों को रेस्क्यू कर इन्टेंसिव केयर शेल्टर में भेजा गया है।

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