देहरादून में आयोजित विरासत महोत्सव 2024 के दूसरे दिन, विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का आकर्षण भारतीय शास्त्रीय संगीत और कथक नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियों के साथ-साथ बच्चों द्वारा मिट्टी के बर्तन बनाने की कार्यशाला रही।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत
विरासत महोत्सव की शुरुआत गोवा के कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुति से हुई। गोवा के लोक नृत्य और संगीत की विविधताओं ने दर्शकों को गोवा की संस्कृति से परिचित कराया। इस दौरान गोवा के कलाकारों ने मांडो, फुगड़ी, और ढालो नृत्य प्रस्तुत किए।
शास्त्रीय संगीत की जादुई प्रस्तुति
भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति कोलकाता की युवा गायिका संगबोरती दास ने दी। उन्होंने राग मालकौंस और राग चारुकेशी की प्रस्तुतियों से श्रोताओं को प्रभावित किया। तबले पर मिथिलेश झा और हारमोनियम पर पारिमिता मुखर्जी ने संगत दी।
कथक में पं. राजेंद्र गंगानी का नृत्य प्रदर्शन
कार्यक्रम का समापन प्रसिद्ध कथक नर्तक पं. राजेंद्र गंगानी की कथक प्रस्तुति से हुआ। उन्होंने जयपुर घराने की अनूठी विशेषताओं को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न तालों और लयों पर आधारित नृत्य किया। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को कथक के सौंदर्य से अवगत कराया।
अन्य आकर्षण
महोत्सव के दौरान बच्चों ने मिट्टी से बर्तन बनाने की कार्यशाला में हिस्सा लिया और कुम्हार दुलीचंद से यह हुनर सीखा। साथ ही ओएनजीसी की अग्निशमन टीम ने आग से बचाव के तरीकों पर जागरूकता सत्र भी आयोजित किया।
सारांश विरासत महोत्सव 2024 का दूसरा दिन सांस्कृतिक धरोहरों और कलाओं के प्रति समर्पित रहा। विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया और बच्चों ने भी अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।