कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने उनके पार्टी छोड़ने की चर्चाओं को किया खारिज
कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने उनके पार्टी छोड़ने की चर्चाओं को किया खारिज
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने उनके पार्टी छोड़ने की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि विरोधी उनके विरुद्ध इस प्रकार का मनगढ़ंत दुष्प्रचार कर रहे हैं। वह कहीं नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उनके विरुद्ध इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर बुधवार को अचानक यह चर्चा चली कि कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत नाराज हैं और वह पार्टी छोड़ सकते हैं। इसे लेकर दिनभर ही जितने मुंह, उतनी बातें होती रहीं। इसे पूर्व में प्रदेश सरकार में हुए नेतृत्व परिवर्तन के दौरान की उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जाने लगा था। ये तक कयास लगाए जाने लगे कि वह कुछ विधायकों के साथ कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री डा रावत ने इस तरह की सभी चर्चाओं को मनगढ़ंत और निराधार बताया। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे कि इस तरह की चर्चाएं कहां से और क्यों उठ रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उनके विरुद्ध इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों में कहीं कोई दम नहीं है। वह कहीं नहीं जा रहे। वह भाजपा के सिपाही हैं और पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एक बार फिर प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार लाना है। सभी इसमें जुटे हुए हैं।
सजवाण ने दी किशोर को नसीहत
कांग्रेस में अंदरूनी कलह एक बार फिर सतह पर आने लगी है। इस कड़ी में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सार्वजनिक मंच से टिप्पणी कर अध्यक्ष पद की गरिमा न गिराने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि साजिश और षड्यंत्र शब्द का प्रयोग कर राजनीति में कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने हाल ही में पिछले विधानसभा चुनाव में अपने खिलाफ साजिश और षड्यंत्र होने की बात कही थी। अब इस पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा है कि वह चाहे चुनाव हारें हो या जीते हों, उन्होंने हमेशा जनता के फैसले का सम्मान किया है। सब जानते हैं कि षड्यंत्र उनके साथ हुआ था। अन्याय महसूस करने के बाद भी उन्होंने कभी पार्टी व पार्टी नेतृत्व के बारे में सार्वजनिक मंच से टिप्पणी नहीं की।