उत्तराखंड में गजब की शूटिंग रेंज: दिल्ली और भोपाल के बराबर दर्जा
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी से मिली सौगात
देहरादून में स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए बन रही अत्याधुनिक शूटिंग रेंज उत्तराखंड के खेल विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह रेंज टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली की डॉ. करनी सिंह शूटिंग रेंज और भोपाल की एमपी शूटिंग रेंज के बाद देश में तीसरे स्थान पर आ जाएगी। इसमें 160 टारगेट लगाए जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धाओं के आयोजन में राज्य को मजबूती प्रदान करेंगे।
शूटिंग रेंज की विशेषताएं
- टारगेट की क्षमता:
- 10 और 25 मीटर रेंज के लिए 60-60 टारगेट।
- 50 मीटर रेंज के लिए 40 टारगेट।
- तकनीकी उन्नति:
- यहां पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल किए गए मानकों वाले टारगेट लगाए जा रहे हैं।
- सटीक स्कोरिंग के लिए अत्याधुनिक तकनीक।
25 मीटर रेंज में दिल्ली को दे सकता है मात
देहरादून की शूटिंग रेंज में 25 मीटर की रेंज के लिए 60 टारगेट लगाए गए हैं। इसकी कुल क्षमता 65 टारगेट तक बढ़ाई जा सकती है, जो इसे दिल्ली से भी आगे ले जा सकता है।
खेलों में उत्तराखंड की बढ़ती पहचान
भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरुण सिंह का कहना है कि देहरादून की यह रेंज दिल्ली और भोपाल के समान सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे उत्तराखंड में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के आयोजन की संभावना बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों से न केवल शूटिंग बल्कि अन्य खेलों के लिए भी मजबूत आधारभूत ढांचा विकसित होगा। उत्तराखंड की पहचान अब “खेल भूमि” के रूप में भी बनेगी।