”खुलेआम घूम रहे बेटी के हत्यारे…नहीं हो रही गिरफ्तारी”CM योगी से लगाई मदद की गुहार

गोरखपुर: ससुराल वालों ने पुत्री की हत्या कर दी और उसे आत्महत्या बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। काफी प्रयास के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन पति के अलावा पुलिस ने अन्य किसी अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया। हत्यारे खुलेआम धूम रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। 

संतकबीर नगर के घनघटा थाने के बंडा बाजार के रहने वाले नईम अहमद ने अपनी यह व्यथा बुधवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनाई तो मुख्यमंत्री ने उसे गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारी को शिकायत के शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। 

योगी ने अधिकारियों से कहा कि पारिवारिक विवाद के मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ लें और दोनों पक्षों को बैठाकर समस्या का समाधान सुनिश्चित करें। ऐसा समय से न होने के चलते ही हत्या या आत्महत्या जैसा अपराध हमारे सामने आता है।

उन्होंने नईम अहमद की पुत्री के निधन पर शोक जताया और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में लोगों की समस्याओं के सुनने के दौरान मुख्यमंत्री जब बरगदवां की रहने वाली इंद्रावती के पास पहुंचे। इंद्रावती ने उन्हें बताया कि बीते दिनों उनके पुत्र अनिल गुप्ता की हत्या कर दी गई। पति पहले ही स्वर्गवासी हो चुके हैं। ऐसे में परिवार मेंं आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। 

 

इंद्रावती ने मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता और बहू जूही के लिए नौकरी की मांग की, जिससे परिवार का भरण-पोषण हो सके। मुख्यमंत्री ने उसे भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। कुछ लोग जमीन कब्जा करने की शिकायत लेकर मुख्यमंत्री के पास आए थे। उनकी शिकायत सुन उन्होंने अधिकारियों को जमीन कब्जा करने वालों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। 

बुधवार के जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने ऐसे करीब 150 लोगों की बारी-बारी से समस्या सुनी और संतुष्टिपरक समाधान का आश्वासन दिया। आत्मीय संवाद में उन्होंने सभी से कहा- घबराने की जरूरत नहीं, हर शिकायत पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाएगी। हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराया जाएगा। 

सरकार सबकी समस्या दूर करने को संकल्पित है। हमेशा की तरह इस बार भी जनता दर्शन में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक रही। मुख्यमंत्री ने अफसरों को यह निर्देश भी दिया कि यदि किसी प्रकरण में पीड़ित को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ा है तो उस मामले की जांच कर जवाबदेही तय की जाए।

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