भर्ती परीक्षाओं में नकल में अभ्यर्थी अब 10 साल तक कोई भर्ती परीक्षा नहीं दे पाएंगे: सीएम धामी
देहरादून: भर्ती परीक्षाओं में नकल में संलिप्त अभ्यर्थी अब 10 साल तक कोई भर्ती परीक्षा नहीं दे पाएंगे। यह बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कही है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून में यह प्रावधान किया जा रहा है। भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थी 10 साल तक किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे।
पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण की जांच में जुटी एसआइटी
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पटवारी भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक प्रकरण में एसआइटी जल्द आयोग जाकर जानकारी जुटाएगी। साथ ही गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लेने की भी तैयारी की जा रही है। एसआइटी ने इसके लिए अपनी तैयारी आरंभ कर दी है।
इस मामले का पर्दाफाश करने वाली एसटीएफ से समन्वय स्थापित रखने को एसआइटी जांच टीम में शामिल एक इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है। उनका काम एसटीएफ के जांच अधिकारी से समन्वय स्थापित कर अब तक हुई प्रगति और सामने आए नए तथ्यों की जानकारी हासिल करना है।
रविवार को पुलिस मीटिंग होने और सोमवार को पुलिस महानिदेशक के प्रस्तावित निरीक्षण के चलते एसआइटी ने जांच को लेकर अपने होमवर्क पर फोकस रखा। एसआइटी ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच आरंभ कर दी है।
कुछ नए लोगों से जल्द पूछताछ की तैयारी
इस मामले में सामने आए कुछ नए लोगों से जल्द पूछताछ की तैयारी है। आरोपितों से अब तक मिली जानकारी में आधा दर्जन नए नामों का भी पता चला है, जांच टीम उनकी भूमिका की जानकारी हासिल कर रही है। इनकी संलिप्तता के आधार पर इनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआइटी इस मामले में जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठानी चाह रही है, यही वजह है कि एसटीएफ की अब तक हुई जांच, गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी का विस्तृत अध्ययन कर जांच की दशा और दिशा तय की जा रही है।
एसआइटी की ओर से जांच का नेतृत्व कर रही हरिद्वार एसपी क्राइम रेखा यादव ने पूछे जाने पर बताया कि अब तक हुई जांच में मिले निष्कर्षों का अध्ययन किया जा रहा है, इसके आधार पर आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
बताया कि जल्द ही एसआइटी राज्य लोक सेवा आयोग जाकर मामले से संबंधित जानकारी जुटाएगी। कहाकि नाम सामने आने पर प्रश्नपत्र हल कराने वाले आरोपितों से भी पूछताछ होगी, मामला साबित होने पर की कड़ी कार्रवाई जाएगी।