जम्मू कश्मीर में बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की तीन दिनों से जारी हड़ताल से मचे हाहाकार
जम्मू कश्मीर में बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की तीन दिनों से जारी हड़ताल से मचे हाहाकार
जम्मू कश्मीर में बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों की तीन दिनों से जारी हड़ताल से मचे हाहाकार को देखते हुए उप राज्यपाल प्रशासन के हाथ पांव फूंलते देख सेना ने जम्मू के साथ लगते मीरा साहिब, गलैडनी ग्रिड स्टेशनों पर जिम्मेदारी संभाल ली है।सेना की 237 इजीनियर्स कोर ने रविवार देर शाम को मीरा साहिब टाली मोड़ और गलैडनी के अलावा अन्य ग्रिड स्टेशनों पर मोर्चा संभाल लिया।मीरा साहिब ग्रिड स्टेशन से सीमावर्ती 350 गांवों को बिजली की आपूर्ति सोमवार को बहाल हो जाने की उम्मीद है।
इसके अलावा सरकार ने आइटीआइ व इंजीनियरिंग कालेज के प्रिसिंपल व सुपरिंटेंडेंट को इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग और आइटीआइ के अंतिम वर्ष के सभी छात्रों के नाम व उनके मोबाइल नंबर सौंपने के लिए भी कहा है। जब तक बिजली कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है, सरकार बिजली सप्लाई व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के लिए इन छात्रों की भी मदद लेगी। सेना द्वारा रिसीविंग स्टेशन व ग्रिड का कामकाज संभालने के बाद काफी हद तक बिजली सप्लाई बेहतर हो गई है। पानी की सप्लाई भी शुरू कर दी गई है।
इससे पूर्व जम्मू के डिवीजनल कमिशनर राघव लंगर,जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह के साथरविवार को पावर इम्लाइज एडं इंजीनियर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों की दूसरे दौर की हुई बैठक बेनतीजा रही।जिसके बाद डिवकॉम ने सेना को पत्र लिखकर आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाए जाने की गुहार लगाई ।पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट पीडीडी के पदाधिकारी जम्मू के कनाल रोड स्थित पॉवर हाउस में बीते तीन दिनों से हड़ताल पर है।सेना द्वारा बिजली विभाग की जिम्मेदारी संभाले जाने के बाद लोगों को उम्मीद बंधी है कि सोमवार से जिन इलाकों में बिजली की आपूर्ति ठप है, बहाल हो जाएगी।
रविवार सुबह से ही इस हड़ताल का शहर व आसपास के कई इलाकों में असर भी देखने को मिला। तकनीकी खराबी आने के कारण जिन इलाकों में बिजली बंद हुई, वह देर रात तक भी बंद रही।कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य इंजीनियर सचिन टिक्कू ने दावा किया है किया कि जिन इलाकों में बिजली के जंपर उड़ रहे है, उन्हें हमारे कर्मचारी ठीक नही कर रहे है,वैसे बिजली की आपूर्ति कुछेक इलाकों में हो रही है।बता दे कि जम्मू कश्मीर में न्यूनतम शून्य बिंदु के नीचे चला गया है, जिससे प्रदेश के 20 जिलों में बिजली की अभूतपूर्व किल्लत देखने को मिल रही है।
जम्मू के सीमावर्ती गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है।आलम यह है कि बिजली ठप होने से पेयजल किल्लत बढ़ने लगी है।जम्मू शहर और आसपास के जिन इलाकों में बिजली की आपूर्त बीते 3 दिनों से ठप है उनमें रूपनगर, तालाब तिल्लो, कृष्णानगर, रेशमघर कालोनी, नानक नगर, गांधी नगर के कुछ इलाकों व पुराने शहर पंजतीर्थी,राजतिलक रोड, सिटी चौक, रघुनाथपोरा,तालब तिल्लों,जानीपुर,प्लौडा,टाप प्लौडा।बरनई,रूप नगर,लोअर रूप नगर,प्रिय दर्शनी लेन,पाटा प्लौड़ा, अखनूर, जम्मू पूर्व के छन्नी, सैनिक कालौनी, ग्रेटर कैलाश, कुंजवानी और बड़ी ब्राहम्णा, विजयपुर जिला सांबा जिला कठुआ समेत कई इलाकों में बिजली ठप है।
जम्मू के सीमावर्ती आरएसपुरा सेक्टर के साथ लगते गांव त्रेवा,पिंडी,जब्बोवाल,चानना,कैंप,चंगिया,कोटली,कोठे कैंप,पिंडी,कोठे सिद्धड़ पारली पिंड आदि गांवों में बिजली गुल रही।कंपकपाती सर्दी के इस मौसम में पूरा दिन बिजली बंद रहने से लोगों का बुरा हाल है। ठिठुरती सर्दी के बीच दिन गुजारने के बाद अब इन इलाकों में लोगों को रात भी बिना बिजली के निकालनी पड़ेगी। बिजली विभाग के सभी कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से बिजली सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से भगवान भरौसे पर आ गई है। जिन इलाकों में बिजली है, वो सप्लाई जारी है और जहां बंद है, वहां कब तक बंद रहेगी, इस पर कोई कुछ बताने को तैयार नहीं। कर्मचारियों ने अस्पताल को हड़ताल से बाहर रखा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के 21,000 बिजली कर्मचारी और इंजीनियर्स ने उप राज्यपाला को 17 दिसंबर को काम का बहिष्कार करने का आग्रह किया था। एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन काम का बहिष्कार कर रहे हैं।
क्या हैं मांगें हैं:
जम्मू और कश्मीर पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच एक प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम को ठंडे बस्ते में डालना ; अनबंडलिंग रिपोर्ट की सिफारिशों को पूरा न करने और राजपत्रित और अराजपत्रित स्तरों पर समिति द्वारा अनिवार्य पदों के सृजन में विफलता, दैनिक ग्रामीणों का नियमितीकरण ; और सभी बिजली विकास विभाग के इंजीनियरों का नियमितीकरण। इन मांगों को पूरा करने के लिए मनोज सिन्हा के हस्तक्षेप की मांग की है।” इस बीच, एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे शनिवार को ऑल पावर कर्मचारी और इंजीनियरों की समन्वय समिति का समर्थन करने के लिए जम्मू पहुंचे और कहा कि मुद्दों के समाधान के साथ आने के बजाय, सरकार ने बिना किसी कारण के बर्खास्तगी और बर्खास्तगी का हवाला दिया है।
एनसीसीओईईई ने दिया बिजली कर्मचारियों को दिया समर्थन : बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) ने रविवार को एक आपातकालीन ऑनलाइन बैठक की और यह निर्णय लिया गया कि जम्मू-कश्मीर के बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों का समर्थन करने के लिए 20 से 22 दिसंबर तक देश भर में प्रदर्शन किए जाएंगे। 20 दिसंबर को सभी घटकों द्वारा गृह मंत्री और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को एक प्रति के साथ उपराज्यपाल को ज्ञापन भेजा जाएगा। कर्मचारियों और इंजीनियरों की समन्वय समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी कर्मचारी को गिरफ्तार किया जाता है या किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई की जाती है, तो जम्मू-कश्मीर के सभी बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों को जिला मुख्यालय में सामूहिक गिरफ्तारी की पेशकश करने के लिए मजबूर किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगी। जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई क्योंकि सरकार के निजीकरण के कदम और दो दौर की वार्ता विफल होने के खिलाफ लाइनमैन से लेकर वरिष्ठ इंजीनियरों तक ने शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। रात के समय, जम्मू-कश्मीर के लगभग 50 प्रतिशत इलाकों में अंधेरा रहा।
निजीकरण के मुद्दे पर हुई चर्चा : निजीकरण के मुद्दे पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार की नीति के तहत प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत कई काम शुरू किए गए हैं। केंद्र सरकार की इस नीति से अलग हट कर स्थानीय स्तर पर काम नहीं हो सकता।अधिकारियों ने कहा कि एनएचपीसी व पावर ग्रिड कारपोरेशन लिमिटेड भी सरकारी उपक्रम हैं और केंद्र व जम्मू-कश्मीर के बीच हुए समझौते के तहत ही सारे काम हो रहे हैं। कमेटी की एक अन्य मांग थी कि डेपुटेनशन पर कारपोरेशन में भेजे गए कर्मचारियों को उनके मूल विभाग के बजट से ही वेतन जारी हो, क्योंकि कारपोरेशन से उन्हें समय पर वेतन जारी नहीं होता। अधिकारियों ने समय पर वेतन जारी करने पर तो सहमित व्यक्त की, लेकिन दूसरे बजट से वेतन जारी करने पर असमर्थता व्यक्त की। इसके चलते कमेटी के सदस्यों ने हड़ताल समाप्त करने से इंकार कर दिया। नौकरी से बर्खास्त करने की दी जा रही धमकी, घरों के बाहर पुलिस तैनात करने का आरोप पावर इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के अनुसार उन्होंने चार मुख्य मांगें सरकार के सामने रखी हैं, लेकिन सरकार बातचीत का रास्ता अपनाने की बजाय कमेटी सदस्यों को नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दे रही है। कमेटी के प्रवक्ता के अनुसार उनके घरों के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है और परिवार के सदस्यों को धमकियां दी जा रही हैं। कमेटी की ओर से कहा गया है कि वे शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक ढंग से अपनी आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में अगर किसी भी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई या किसी को गिरफ्तार किया गया, तो पूरे जम्मू-कश्मीर में कर्मचारी जिला स्तर पर गिरफ्तारियां देंगे। कमेटी ने कहा है कि हड़ताल के कारण आम लोगों को हो रही परेशानी के लिए वे क्षमा मांगते हैं, लेकिन सरकार को भी अपना तानाशाही रवैया छोड़कर उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए।
33 केवि के सभी फीडर कर रहे हैं काम : चेयरमैन जेकेडीसीएल जम्मू
जम्मू कश्मीर पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन के चेयरमैन जगमोहन ने दावा किया कि इस समय 33 केवि के सभी दस फीडर पूरी तरह से काम कर रहे हैं। चेयरमैन जगमोहन ने रविवार को ग्लैडनी ग्रिड स्टेशन का दौरा किया और इस समय उनके साथ कारपोरेशन के एमडी शिव अनंत भी मौजूद थे। चेयरमैन जगमोहन ने बताया कि इन फीडरों से शहर में पचास ट्रांसमिशन लगाए गए हैं जो आगे बिजली सप्लाई करते हैं। उन पचास में 48 फीडरों को दुरुस्त कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि हड़ताल के बावजूद बिजली विभाग ग्रिड स्टेशन को 11 केवि की सप्लाई के लिए दुरुस्त कर दिया जाएगा ताकि कहीं कोई बिजली संकट न रहे।
हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में राजनीतिक दल भी उतरे : बिजली कर्मचारियों के समर्थन में राजनीतिक दलों के नेता भी उतर गए। पूर्व विधायक बलवंत सिह मनकोटिया ने संबल और धनारी पंचायतों में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि बिजली बंद होने के कारण हर कोई प्रभावित हेा रहा है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में दिक्कत है तो आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी एक दिन में हड़ताल पर नहीं गए हैं। सरकार से कई समय से निजीकरण न करने की मांग कर रहे हैं। सरकार को अपने फैसले पर सोचना चाहिए और बिजली की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। उधर कांग्रेस नेता सुमित शर्मा ने एक पत्रकार वार्ता में कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत कर्मचारियों की मांगों पर संज्ञान लेने की जरूरत है।
जवाब दे गए इनर्वटर, दिन भर परेशान रहे लोग : जिले के लोग रविवार को अधिकतर इलाकों में बिजली न होने के कारण परेशान है। शनिवार को तो फिर इनवर्टर चलने के कारण लोग चुप थे लेकिन रविवार को जब इनवर्टर ने भी काम करना बंद कर दिया तो लोग अपने मोबाइल तक चार्ज करने को लेकर परेशान दिखे। युवा राकेश गुप्ता ने बताया कि सुबह से ही मोबाइल बंद है। कई बार व्यापार के सिलसिले में लोगों से बात करनी पड़ती है लेकिन कोई भी फोन चार्ज नहीं है। सुबह पानी भी नहीं आया। इससे भी परेशानी हुई। ऊधमपुर में कई लोग पानी न आने के कारण बावलियों से पानी भरते हुए देखे गए।