आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सेविका कर्मचारी यूनियन (सीटू ) का 11सूत्रीय मांगों को लेकर सचिवालय पर प्रदर्शन।

देहरादून : सी आई टी यू से सम्बन्धित आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सेविका कर्मचारी यूनियन उत्तराखण्ड के आह्वान पर आज 11सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविकाओं को कर्मचारी घोषित करने ,कार्यकत्री को 21हजार ,सहायिका को 18 हजार ,मिनी आगनबाड़ी को सम्मानजनक वेतन व पूर्ण आंगनवाड़ी का दर्जा दिया जाऐ , कार्यकत्रियों को 100 प्रतिशत पदोन्नति , उम्र की सीमा समाप्त हो , महाराष्ट्र की तरह ग्रेज्युटी, ईएसआई सुविधा लागू हो , आंगनबाड़ी में 3 से 6 बर्ष वालों के लिए प्री प्राईमरी घोषित किया जाऐ हरियाणा की तरह एल के जी ,यूकेजी बन्द किया जाऐ ।

आंगनबाड़ी सेविकाओं / कार्यकत्रियो को बैठक मे आने जाने के लिये खर्च ,मोबाइल ऐप ट्रेनिंग का पूर्ण टीए ,डीए का भुगतान दिया जाऐ,पोषण अभियान का 500तथा 250 रूपये का प्रोहात्साहन राशि दी जाऐ ,हरियाणा की भांति सर्दियों तथा गर्मियों का अवकाश दिया जाऐ ,आंगनबाड़ी/सेविकाओं की बेटियों को नन्दा देवी ,गौरादेवी कन्या योजना का लाभ दिया जाऐ ,सभी पुरानी बकाया राशि का भुगतान दिया जाऐ ,पोषण ट्रेक ऐप से डाटा लीकेज बन्द हो ,आंगनबाड़ी केन्द्रों में सैनेटरी नैपकिन निशुल्क मिले, बी एल ओ की राशि 6000रू से बढाकर 12000हजार रूपये किया जाऐ ।
प्रदर्शन राजपुर स्थित सीटू कार्यालय से राजपुर रोड होते हुऐ गांधी पार्क से होता हुआ सचिवालय गेट पर पहुंचा जहां सभा हुई ।
बाद को कि सचिवालय में सचिव बाल विकास के ना होने पर उनके स्थान पर संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह से वार्ता हुई जहाँ से निदेशक को प्रस्ताव भेजने को निर्देशित किया जाने की सहमति बनी ।
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज , कोषाध्यक्ष रविन्द्र नौडियाल , यूनियन की प्रान्तीय कार्यकारी अध्यक्ष जानकी चौहान , महामंत्री चित्र कला , कोषाध्यक्ष लक्ष्मी पंत , जिला अध्यक्ष ज्योतिका पांडे , जिला महामंत्री रजनी गुलेरिया , उर्मिला देवी , आशा रावत , आशा नेगी , रेखा रावत , ज्योतिबाला , उमा देवी , शर्मिला , सुनीता , शहनाज , सपना थापली , रचना , शोभा , गीता थापा , किरन , उषा भंडारी , गीता पाल , मीनू , विष्णु राणा , सुनीता रावत , मनीषा , किरण नेगी , निर्मला कठैत , ललिता मुन्नी देवी , कुशमा , पूनम , राखी , कमलेश , नीलम , सिमा सिंह , रेणु , योगिता थापा , जाहिदा , खुशनसीब , गुलनाज , बेबिपाल , बबली आदि सैकड़ो की संख्या में कार्यकत्री और सेविकाएँ मौजूद थी।

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