धामी के मुख्यमंत्री बनते ही नाराज नेताओं ने लगाई दिल्ली दौड़।

उत्तराखंड : राज्य में 11 वे नवनियुक्त पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद सरकार में  हिस्सेदारी निभा रहे भाजपाइयों ने दिल्ली की तरफ दौड़ लगा दी है, निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा सौंपने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए वर्षों से सपने संजोए बैठे भाजपाइयों को उस समय 440 वोल्ट का झटका महसूस हुआ जब विधानमंडल के किसी सदस्य को मुख्यमंत्री चुना जाना था और दिल्ली से ऐसे नाम पुष्कर सिंह धामी का प्रस्ताव आया, जो सरकार में दो बार विधायक रह चुके हैं,

गौरतलब है पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भाजपा के कई सीनियर मंत्री नाराज हो गए हैं केवल मंत्री ही नहीं कई विधायक एवं अन्य वरिष्ठ नेता भी पुष्कर सिंह धामी के नाम से संतुष्ट नहीं है, हालांकि हाईकमान ने उत्तराखंड भाजपा के कई राष्ट्रीय स्तर के कद्दावर नेताओं को नकार कर एक ऊर्जावान युवा चेहरे को तवज्जो देकर मुख्यमंत्री की गद्दी पर बिठाया है, उत्तराखंड की राजनीति देश के बाकी अन्य राज्यों से अलग तरह से चलती है अपनी सरकार मैं 5 वर्ष के भीतर तीसरे मुख्यमंत्री को लाना इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतीत होता है,

भाजपा के खेमे से कद्दावर मंत्री हरक सिंह रावत एवं सतपाल महाराज यह दो बड़े चेहरे उत्तराखंड भाजपा में मुख्यमंत्री के रूप में देखे जा रहे थे, परंतु हाईकमान की इच्छा के अनुरूप मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव पुष्कर सिंह धामी के रूप में पारित किया गया, जहां एक और नवनियुक्त मुख्यमंत्री की घोषणा होने के बाद हरक सिंह रावत खेमे में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है वहीं दूसरी ओर बीते दिन पार्टी कार्यालय में ही सतपाल महाराज की नाराजगी जग जाहिर हो गई ,
मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होते ही सतपाल महाराज के चेहरे पर उभरी लकीरों सतपाल महाराज के तेवर स्पष्ट हो गए थे, कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की राजनीति में होने वाले दंगल का आगाज हो चुका है, कल देर शाम सतपाल महाराज दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं ,अब आने वाले दिनों में देखना होगा कि पार्टी हाईकमान, हरक सिंह रावत एवं सतपाल महाराज को किस तरह मनाते है l

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