कोविड-19 के दौरान परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को सबसे बड़ा रोटी-रोजी का संकट।

देहरादून : कोविड-19 महामारी से प्रभावित परिवहन व्यावसायिक वाहन स्वामियों / चालक एवं परिचालकों को आर्थिक सहायता जैसे टैक्स माफी, वाहनों की फिटनेस प्रमाण पत्र, इंश्योरेंस एवं समस्त प्रमाण पत्रों को 2 वर्ष के लिए पूर्ण करना तथा डीजल, पेट्रोल को जी.एस.टी के दायरे में लाने व आदि मांगों को मीडिया कर्मियों के माध्यम से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से मांग करते हैं।

कोरोना महामारी से देश-प्रदेश का परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, जिसकी सर्वाधिक मार प्रदेश के परिवहन से जुड़े कारोबारियों जैसे वाहन स्वामियों, चालक एवं परिचालकों, ऑटो रिक्शा व होटल कर्मी एवं मालिकों पर पड़ा है।

कोविड-19 (कोरोनावायरस) महामारी के कारण वाहन स्वामियों, चालक एवं परिचालकों पर रोजी-रोटी का अति गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है, परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के पास आजीविका का गुजर बसर करने का अन्य कोई संसाधन नहीं है, परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों की वर्तमान स्थिति यह है कि बेरोजगारी और भुखमरी जैसी समस्याओं को झेलने को मजबूर है।

परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों की मांग निम्न प्रकार है ।

1 डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाए और बढ़े हुए दाम वापस ले।

2 सरकार व्यवसाय वाहनों के समस्त प्रकार के टैक्स आगामी 2 साल तक माफ करें।

3 वित्त पोषित व्यवसाय वाहनों का सरकारी तथा गैर सरकारी बैंक अथवा वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण की किस्तों का ब्याज अनिवार्य रूप से माफ करें।

4 कोविड-19 महामारी से प्रभावित तंग स्थिति को देखते हुए व्यवसायिक वाहनों का इंश्योरेंस 2 साल के लिए बढ़ाकर समायोजित करें।

5 व्यवसायिक वाहन जैसे ऑटो रिक्शा, विक्रम, टैक्सी, मैक्सी, बस आदि वाहन चालकों को कोरोना काल तक ₹5000 महीने आर्थिक सहायता दी जाए।

इस दौरान शेर सिंह राणा, धन सिंह रावत, सुनील थापा, रविंद्र सिंह रावत, आदित्य कुमार, काजू, लल्ला, बाली मिस्त्री, संजीव बालियान, विमल राणा, सोनू रावत, विपन मैसी सहित आदि लोग मौजूद थे।

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