ग्लेशियर हादसे में 15 लोगों के शव बरामद, 202 लोग लापता।

ब्रेकिंग न्यूज़ उत्तराखंड….

चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के बाद आई व्यापक बाढ़ के कारणों का अध्ययन करने के लिए ग्लेशियर के बारे में जानकारी रखने वाले वैज्ञानिकों (ग्लेशियोलॉजिस्ट) की दो टीमें जोशीमठ-तपोवन जाएंगी, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कलाचंद सैन ने कहा है कि ग्लेशियोलॉजिस्ट  की दो टीम हैं– एक में दो सदस्य हैं और एक अन्य में तीन सदस्य है, आपको बता दें कि देहरादून का वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, क्षेत्र में हिमनदों और भूकंपीय गतिविधियों सहित हिमालय के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करता है।

इसने उत्तराखंड में 2013 की बाढ़ पर भी अध्ययन किया था, जिसमें लगभग 5,000 लोग मारे गए थे. सैन ने कहा, ‘टीम त्रासदी के कारणों का अध्ययन करेगी, हमारी टीम ग्लेशियोलॉजी के विभिन्न पहलुओं को देख रही होगी, उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई. इससे वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा मजदूर लापता है।

उत्तराखंड में एक बार फिर इस घटना में जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. 202 से ज्‍यादा लापता हैं तो इससे मृतकों की संख्‍या बढ़ने की पूरी आशंका है, ग्‍लेशियर का टूटना उत्‍तराखंड में कोई नई घटना नहीं है लेकिन उसका तबाही में बदल जाना खतरनाक है, अब उत्‍तराखंड में इस घटना की दो बड़ी वजहें हो सकती हैं. पहली नदी के फ्लड एरिया में अतिक्रमण और निर्माण कार्य, दूसरा 2013 की तबाही से कोई सबक न लेना.लेकिन असली वजह तो अब जानकारों की खोजबीन से ही सामने आ सकेगी सैन ने कहा कि रविवार की घटना काफी ’अजीब’ थी, क्योंकि बारिश नहीं हुई थी और न ही बर्फ पिघली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed