प्रधानमंत्री से की प्रेस की स्वतंत्रता का हनन और पत्रकारों का उत्पीड़न रोकने की मांग l

देहरादून : उत्तराखंड में प्रेस की स्वतंत्रता का हनन एवं और सरकार द्वारा पत्रकारों के विरुद्ध राजद्रोह के मुकदमें दर्ज कर उनके उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखंड) ने प्रधानमंत्री से पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज मुकदमें वापस कराने की मांग की है।

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र भट्ट द्वारा प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भारत सरकार सहित उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी भेजे पत्र में कहा गया है कि उत्तराखंड में एक सुनियोजित तरीके से पत्रकारों के विरुद्ध झूठे मामले बनाकर उन्हें जेल भिजवाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि अगर कोई पत्रकार या मीडिया हाउस गलत कार्य कर रहा है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के लिए सरकार और पुलिस विभाग स्वतंत्र है लेकिन जिस तरह सरकार की कमियों और असफलताओं से संबंधित समाचारों को रोकने के लिए सरकार द्वारा मीडिया पर दबाव बनाया जा रहा है वह प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोटने के समान है। उन्होंने कहा है कि अपने विरुद्ध पत्रकारों की कलम को रोकने के लिए सरकार व पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों का उत्पीड़न करते हुए उनके साथ जो अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है वह प्रेस की स्वतंत्रता का हनन और मीडिया पर सीधा हमला है। श्री भट्ट ने कहा है कि कोरोना काल में राज्य सरकार का लघु, मझोले, मध्यम समाचार पत्र और स्थानीय पोर्टल/मीडिया के प्रति जो रवैया है उससे राज्य भर के मीडियाकर्मियों में गहरा रोष और आक्रोश है।

यूनियन अध्यक्ष की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि थाना नेहरू कॉलोनी, देहरादून पुलिस ने झूठी खबरें प्रकाशित कर राजद्रोह करने के आरोप में क्राइम स्टोरी के संपादक राजेश शर्मा को 30 जुलाई, 2020 की रात्रि सुमन नगर चोरखाला देहरादून से गिरफ्तार किया था‌। साथ ही समाचार प्लस के पूर्व सीईओ उमेश शर्मा और पर्वतजन पोर्टल के संपादक शिव प्रकाश सेमवाल को भी नामजद किया है। पुलिस का आरोप है कि इन सभी ने मुख्यमंत्री पर झूठा आरोप लगाते हुए साजिश के तहत प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया है। यूनियन ने कहा है कि मुख्यमंत्री के नजदीकी और पूर्व सलाहकार रहे हरेंद्र रावत द्वारा अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए सरकार और शासन तंत्र के साथ एक सुनियोजित तरीके से पत्रकारों के विरुद्ध मामला बनाकर उन्हें गिरफ्तार करवा कर जेल भिजवाया गया है जो निहायत ही निंदनीय आपत्तिजनक एवं पूरी तरह से विधि विरुद्ध एवं गैर कानूनी है।

यूनियन द्वारा कहा गया है की जिस तरह से फोटो/वायरल वीडियो में रात के अंधेरे में पुलिस पत्रकार को उसके घर से धकियाते हुए जबरन अपने साथ ले जाते हुए दिख रही है वह घोर आपत्तिजनक है। बिना किसी सर्च या गिरफ्तारी वारंट के एक पुलिसकर्मी के वर्दी में और अन्य द्वारा सादी वर्दी में, रात को किसी के घर पर इस तरह से जाना और बलपूर्वक उन्हें उठाकर लाना, समाज में भय और दहशत का माहौल पैदा करता है। यूनियन ने इस तरह की कार्यवाही को पूरी तरह से विधि विरुद्ध होने के साथ-साथ निहायत ही निंदनीय और आपत्तिजनक बताया है। पत्र में कहा गया है कि किसी भी मामले में पुलिस/सरकार पत्रकार को नोटिस दे सकती थी या दिन में पूछताछ के लिए थाने बुला सकती थी लेकिन पुलिस ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया।

यूनियन के अध्यक्ष त्रिलोक चंद भट्ट के हस्ताक्षर से भेजे गये पत्र में क्राइम स्टोरी के संपादक राजेश शर्मा, पर्वतजन के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल, पहाड़ टीवी समाचार के संपादक राजीव गौड सहित कोटद्वार की ही महिला पत्रकार अंजना गोयल, हरिद्वार के पत्रकार एहसान अंसारी, अल्मोड़ा के पत्रकार अमित उप्रेती, जागेश्वर के पत्रकार कैलाश चंद्र भट्ट सहित कई ऐसे नाम गिनाए गए हैं जिनके विरूद्ध कोरोना संकटकाल में अभियोग पंजीकृत कर उनको परेशान और उत्पीड़ित किया गया है।

नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स का स्पष्ट रुप से मानना है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लाकडाउन के दौरान पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर मीडिया को धमकाने और उसे परेशान करने की कार्यवाही की गई है। साथ ही पत्रकारों के खिलाफ एक के बाद एक की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से राज्य में प्रेस की स्वतंत्रता को खतरा बताया गया है, और कहा गया है कि इसका शिकार पत्रकार लघु, मझोले और मध्यम श्रेणी के समाचार पत्र तथा स्थानीय पोर्टल हो रहे हैं। जिससे पत्रकारों में सरकार के विरुद्ध रोष और गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

यूनियन द्वारा राजद्रोह के आरोप में पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज कराए गए मामलों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराने के साथ ही उत्तराखंड में पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज झूठे मुकदमे वापस लेने, प्रेस की स्वतंत्रता में दखल न देने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन न करने के लिए कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है।

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