तीन महीने और जारी रहेगी ईएमआई न भरने की मोहलत I
नई दिल्ली कोरोना वायरस से पस्त इकॉनमी को एक और बूस्टर देते हुए केंद्रीय बैंक RBI ने रीपो रेट में और कटौती का ऐलान किया है, रीपो रेट में 40 बीपीएस की कटौती कर दी गई है, जिसके बाद नया रेट 4% हो गया है, इतनी ही कटौती रिवर्स रीपो रेट में की गई है, जो अब 3.25% हो गया है। इस कदम से आपकी EMI का बोझ कुछ कम होगा।
साथ ही EMI मोराटोरियम को तीन महीने आगे बढ़ा दिया गया है। कोरोना के लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी बार है जब आरबीआई ने कराहती इकॉनमी को देखते हुए राहतों का ऐलान किया, सबसे पहले 27 मार्च को और उसके बाद 17 अप्रैल को RBI ने कई तरह की राहतों का ऐलान किया था, जिसमें EMI मोराटोरियम जैसे बड़े ऐलान किए गए थे।
आरबीआई के इस फैसले से कर्ज सस्ता होगा साथ ही महंगाई कम होने की उम्मीद जताई गई है, हालांकि रिजर्व बैंक ने पहली बारकहा है कि 2020-21 मेंदेश की आर्थिक विकास दर नेगेटिव रह सकती है, केंद्रीय बैंक द्वारा वाणिज्यिक बैंकों को जिसब्याज दर पर अल्पावधि ऋण मुहैया करवाया जाता है उसे रेपो रेट कहते है l
आरबीआई गवर्नर कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्थाको उबारने के लिए किए गए उपायों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे, कोरोना से निपटने के लिए देशभर में जारीलॉकडाउन की अवधि में केंद्रीय बैंक के गवर्नर यह तीसरी बार राहत के उपायों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, इससे पहले उन्होंने 17 अप्रैल और 27 मार्च को कोरोना संकट को लेकर राहत के उपायों की घोषणा की थी l
7 मार्च को किए गए मोराटोरियम को अब 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, तीन महीने के लिए दिए गए हर तरह की राहत को अब और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, यानी मोराटोरियम 1 जून से 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है, आपको और तीन महीने के लिए लोन की किस्त टालने का ऑप्शन मिल गया है।
इसके अलावा, SIDBI को अतिरिक्त फ्लेक्सिबिलिटी का ऐलान किया गया, 90 दिन के टर्म लोन के लिए 90 दिनों य़ानी 3 महीने का और एक्टेंशन दिया गया है। इससे MSME सेक्टर को अडिशनल सपॉर्ट मिलेगा।
नेगेटिव रहेगी GDP
दास ने कहा, साल की पहली छमाही में महंगाई उच्च स्तर पर रह सकती है लेकिन दूसरी छमाही में इसमें गिरावट आने की उम्मीद है, तीसरी-चौथी छमाही में यह 4 फीसदी से नीचे आ सकती है।
आयात-निर्यात को बढ़ावा
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर चिंता जताई और कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रोथ नेगेटिव टिरिटरी में रह सकती है, उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा झटका प्राइवेट कन्जंप्शन को लगा है कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स का प्रॉडक्शन मार्च 2020 में 33% घट गया। वहीं मर्केंडाइज एक्सपोर्ट 30 साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है।
दूसरी छमाही में घटेगी महंगाई
आयात-निर्यात को बूस्ट करने के लिए RBI ने कई ऐलान किए, प्रीशिपमेंट और पोस्ट शिपमेंट के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट के परमिसिबल पीरियड को 1 साल से बढ़ाकर 15 महीने के लिए कर दिया गया। US डॉलर स्वॉप फसिलिटी के लिए EXIM बैंक को 15000 करोड़ रुपये का आवंटन।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 2021 में विकास दर नकारात्मक रहने की संभावना है, उन्होंने कहा कि 2020-21 (1 अप्रैल से) में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 9.2 बिलियन डॉलरकी बढ़ोतरी हुई, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी तक (15मई तक)487 बिलियन डॉलर है, कोरइंडस्ट्रीज के आउटपुट में 6.5% की कमी हुई है और मैन्युफेक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट हुई है, मार्च मेंऔद्योगिक उत्पादन में 17% की कमी दर्ज की गई है, मांग और उत्पादन में कमी आई है l
अप्रैल महीने में निर्यात में 60.3 % की कमी आई है, शक्तिकांतदास ने कहा कि रेपो रेट 4.4% से घटकर4% हुआ , रिवर्स रेपोरेट घटकर 3.35% हुई, कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है, MPC ने रेपो रेट में कटौती करने का फैसला किया है, आरबीआई ने बैंकों के लोन मोराटोरियम को 3 महीने केलिए बढ़ा दिया है और अब इसकी अवधि 31 अगस्त तककर दी गई है, यानी ग्राहकों को तीन महीने के लिए अपने लोन की ईएमआई और टालने की सुविधा मिल गई है l
मुख्य मुद्रास्फीति की दर पहली छमाही में तेज रह सकती है, दूसरी छमाही में इसमें नरमी आएगी, वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी/ चौथी तिमाही में ये चार प्रतिशत से नीचे रह सकती है , आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट, आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है, मुद्रास्फीति की स्थिति बेहद अनिश्चित, दालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी चिंताजनक, आयात शुल्क की समीक्षा की जरूरत है l