फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी पाने वाले 6 शिक्षकों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज l
देहरादून : एसआईटी जांच में छह शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर शिक्षा निदेशालय को इनके खिलाफ जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति कर दी गई है। इनमें से तीन शिक्षक राजकीय प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर रुड़की के ही है, जबकि एक टिहरी और दूसरा कालसी ब्लाॅक का शिक्षक है, अब तक एसआईटी जांच में 79 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जा चुकी है।
आपको बता दें कि टिहरी के मेहर गांव स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक चंद्रपाल सिंह की बीटीसी की डिग्री फर्जी पाई गई है, यह डिग्री जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान मुरादाबाद में वर्ष 1983 के सत्र में बनना दर्शाई गई थी, डिग्री पर जो अनुक्रमांक दर्शाया गया है उसका कोई रिकाॅर्ड नहीं मिला, इसी तरह कालसी ब्लाॅक के राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय लोरली के सहायक अध्यापक बाबू सिंह की बीटीसी डिग्री भी फर्जी पाई गई है, इस अनुक्रमांक की बीटीसी डिग्री तौफिक जोहरा के नाम पर जारी पाई गई।
एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय भौरी, विकास खंड रुड़की के शिक्षक गौतम पाल सिंह का स्थाई निवास और जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है, जांच में बात सामने आई है कि कूट रचित प्रमाणपत्रों से शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाई गई है, राजकीय प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर रुड़की ने इंद्रवीर सिंह का स्थायी निवास और जाति प्रमाणपत्र, रविंद्र सिंह का स्थायी प्रमाणपत्र और जयवीर सिंह का स्थायी निवास और जाति प्रमाणपत्र कूटरचित मिला है, एसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सभी आरोपी छह शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति शिक्षा निदेशालय को भेज दी है।
विदित हो कि एसआईटी की तरफ से अब तक 79 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति की गई है। इनमें से अब 50 प्रतिशत मामलों में ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जबकि अन्य प्रकरण शिक्षा विभाग में विचाराधीन है, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार पहले ही संस्तुति के आधार पर मुकदमे दर्ज न होने पर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने एसआईटी प्रभारी मणिकांत मिश्रा से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है।