विभिन्न मुद्दों को लेकर यूकेडी ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन l

देहरादून : उत्तराखण्ड क्रान्ति दल राज्य को बने इन 19 वर्षों में विभिन्न प्रकार की ज्वलंत समस्याओं को लेकर धरने,प्रदर्शन अपने लोकतांत्रिक तरीके से करते आया है, इसी दौरान सरकारों ने धरने,प्रदर्शन कर रहे दल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं पर विभिन्न और संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज किये है ।सत्तारूढ़ दल जो भी रहा हो वह अपने कार्यकर्ताओं के ऊपर दर्ज मुकदमों को वाफिस लेता रहा है इसका उदाहरण आपकी खुद सरकार है कि कैबिनेट मंत्री श्री अरबिंद पांडेय के संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमें वाफिस लिए गये जबकि उत्तराखंड क्रान्ति दल के नेताओं को जेल भेजा जा रहा है।अभी हाल में दल के 6 नेता जेल की यात्रा करके आये है जिनमे श्री भगवती डोभाल,श्री बहादुर सिंह रावत,श्री शांति प्रसाद भट्ट,श्री शैलेश गुलेरी,श्री खलीक अहमद और कल ही जेल से 72 वर्षीय श्री लताफत हुसैन जी।जो कि उरेडा विभाग में टेंडर घोटाले का विरोध 2012 में लोकत्रांतिक तरीके से किया।लेकिन विभाग और सरकार ने संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिये गये।एक यही नही कई ऐसे ही मामलों में उक्रांद के पदाधिकारियों पर मुकदमें कोर्ट में विचाराधीन है।

पूर्ववर्ती सरकार से जब सभी मुकदमों को वाफिस लेने का आग्रह ज़बी दल के द्वारा किया गया था तो मुकदमें वाफिस लेने की प्रक्रिया हुईं लेकिन आपकी सरकार आते ही दल के पदाधिकारियों के लिए समन और कुर्की तथा गिरफ्तारी होने लगी है।इससे स्पष्ट होता है कि दल के साथ सरकार का रवैया ठीक नही। केवल यही नही राज्य में एक तरह से मनमानी चल रही है,बेरोजगारों से छलावा,कर्मचारियों का उत्पीड़न एवम जिला विकास प्राधिकरण जैसे निर्णयों से जनता परेसान क्या क्षुब्ध है।राज्य सरकार जनमुद्दों को हल करने की जगह एक और समस्या खड़ी कर देती है, नौनिहालों बेरोजगारों के भविष्य के साथ धोखा कर रही है उदाहरण न्याय विभाग में लिपिक वर्ग के लिए खुला आवेदन किया जा रहा है।जो सरासर राज्य की जनभावनाओं के विरुद्ध है।पूर्ववर्ती सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में अनेकों पदों के लिए राज्य के नवयुवकों ने आवेदन किये यहां तक परीक्षा तक दिए है उनका परिणाम तो दूर आपकी सरकार के द्वारा सभी निरस्त कर नये सिरे से आवेदन मांग लिए गये।ऊर्जा निगम में जूनियर इंजीनियर की भर्ती एक उदाहरण है।शिक्षा विभाग में शिक्षा तो रही दूर शिक्षा देने वाले शिक्षकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।इस लिए उत्तराखण्ड क्रान्ति दल माँग करता है कि-
1)- राज्य के बने इन 19 वर्षों में जनपक्षीय मुद्दों को लेकर दल के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर दर्ज सभी मुकदमें अभिलम्ब वाफिस लिए जाय।
2)-राज्य में विभिन्न विभागों में समूह ग की भर्ती में केवल राज्य का मूलनिवासी नवयुवक ही आवेदन करेगा।
3)पूर्व में विभिन्न विभागों में कई गयी पदों पर आवेदनों,परीक्षाओं को निरस्त न करके पूर्व की प्रकिया के तहत परीक्षा व परीक्षाओं के परिणाम घोषित किया जाय।
4)-प्राथमिक शिक्षा विभाग में शासनादेश संख्या 1596/XXIV(1)-2016-36-2016 दिनाँक 21-11-2016 के द्वारा 400 शिक्षकों का स्थानांतरण उनकी विषम परिस्थितियों को दृष्टिगत किये गए थे सभी शिक्षक 10 से 25 वर्ष तक की सेवा पहाड़ो में दे चुके है उन सभी शिक्षकों को पुनः मूल तैनाती का आदेश निरस्त करते हुए यथास्तिथि बनाते हुए, मैदानी क्षेत्रों में 20 व 22 वर्षो से जमे शिक्षकों को पहाड़ो में अभिलम्ब भेजा जाय।
महोदय आप से उपरोक्त मांगो पर प्रतिउत्तर के साथ अपेक्षा की जाती है अन्यथा दल एक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगा।धरने में सर्व श्री त्रिवेंद्र सिंह पँवार,श्री लताफत हुसैन,सुनील ध्यानी,शांति प्रसाद भट्ट,सुरेंद्र पेटवाल,रेखा मिंया,उत्तम रावत,फुरकान अहमद,समीर मुखर्जी,जाहिद खान,सम्राट पंवार,सुरेंद्र पोखरियाल अशोक नेगी,आलम नेगी राजेश्वरी रावत,माही, धर्मेंद्र कठैत,विलाल अहमद आदि थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *