करोड़ों के क्रिप्टो करेंसी (बिटक्वाइन) को लेकर साथियों ने की साथी की हत्या l
देहरादून : दिनाँक 28 अगस्त 2019 की रात्रि में लगभग 11:30 बजे मैक्स हॉस्पिटल से जरिये टेलीफोन सूचना मिली कि, एक व्यक्ति को मृत अवस्था में कुछ लोग एक गाड़ी से हॉस्पिटल में लेकर आये थे, जिसका चेक अप करते समय वह लड़के हॉस्पिटल से भाग गए हैं, इस सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व अन्य राजपत्रित अधिकारी व नगर क्षेत्र के समस्त थाना प्रभारी मौके पर पहुचे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा मौके पर घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए मौके पर उपस्थित अधिकारियों को ब्रीफ कर उक्त घटना के अनावरण हेतु मौके पर अलग-अलग कार्य हेतु (सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज चैक करने तथा होटल ढाबों, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन की चैकिंग करने तथा अन्य राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित करने हेतु) टीमों का गठन किया गया। मैक्स अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से ज्ञात हुआ कि चार युवक क्रेटा गाडी में उक्त मृतक युवक को लेकर आये थे तथा उक्त वाहन व युवक के शव को अस्पताल में छोडकर वहां से भाग गये। मौके पर मृतक के शरीर के निरीक्षण से पाया कि उसके सारे शरीर पर बेरहमी से यातना देकर प्रताड़ित करने के घाव बने थे, देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उक्त युवक को किसी के द्वारा प्रताड़ित किया गया हो, मृतक के एडमिशन शीट का अवलोकन किया जिसमें उन लड़कों द्वारा मृतक का नाम अब्दुल शकूर नि0- सुद्धोवाला चौक, नियर टेम्पल प्रेमनगर दर्शाया गया था, गाड़ी क्रेटा की तलाशी से उसमें एक डायरी व अन्य दस्तावेज मिले। डायरी में उक्त मृतक की फोटो लगी थी, जिसमें भी मृतक युवक का नाम अब्दुल्ल शकूर पुत्र मोहम्मद नि0 Melepidiyeteteal house, north pulkit, dulamanthole, mallapuram 3rd, kerala लिखा था, जिस पर मल्लापुरम पुलिस से संपर्क स्थापित कर उक्त सूचना से अवगत कराया गया तथा मृतक की फोटो उसके परिजनो को सेंड की गई, जिस पर उनके द्वारा उक्त युवक की पहचान अब्दुल शकूर के रूप में की गई। एडमिशन शीट पर अंकित पते के सम्बन्ध मे थानाध्यक्ष प्रेमनगर को उक्त पते की तलाश में लगाया गया तथा पुलिस सूत्रों को भी आवश्यक दिशा निर्देश देकर उक्त व्यक्तियों की तलाश कराई गयी। जांच से उक्त घटना थाना प्रेमनगर क्षेत्र अंतर्गत होना प्रकाश में आया, जिस पर थाना प्रेमनगर पर उचित धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया।
अभियुक्त की तलाश हेतु पुलिस द्वारा जिले के समस्त पुलिस बल को चैंकिग हेतु महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाया गया तथा सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन करते हुए आइएसबीटी तथा रेलवे स्टेशन पर सघन चैकिंग प्रारम्भ की गयी। सी0सी0टी0वी0 फुटेज के अवलोकन के दौरान पुलिस टीम को आईएसबीटी बस अड्डे के पास उक्त अभियुक्तों में एक व्यक्ति की फुटेज प्राप्त हुई। फुटेज के अवलोकन से पुलिस को ज्ञात हुआ कि ये लोग बस में बैठकर सहारनपुर/रूडकी की ओर रवाना हुए हैं। जिस पर पुलिस टीम द्वारा सर्विलासं की सहायता से उक्त अभिुयक्तो पर लगातार निगरानी रखते हुए उक्त बस का पीछा किया गया। पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त बस छुटमलपुर से आगे निकल गयी है और रूडकी पहुचने वाली है। जिस पर रूडकी पुलिस से सम्पर्क कर जनपद हरिद्वार पुलिस एवं देहरादून पुलिस द्वारा बस को रोककर हुलिया तथा भाषा के आधार पर पांच लडकों को सदिग्धता प्रतीत होने पर हिरासत में लिया गया।
नाम/पता गिरफ्तार अभियुक्त:
01- फारिस ममनून पुत्र अब्दुल्ला अबुलन, निवासी- सबना मंजिल, करूवंबरम, जिला मंजीरी, केरल।
02- अरविन्द सी0 पुत्र रविन्द्रन सी0, निवासी- चेन्निक कठहोडी, मंजीरी मल्लापुरम, केरल।
03- अंसिफ पुत्र शौकत अली पी, निवासी- पलाई पुथनकलइथिल, मंजीरी करूवंबरम, केरल।
04- सुफेल मुख्तार पुत्र मौ0 अली निवासी- पुथईकलम, पलपत्ता, केरल।
05- आफताब मौहम्मद पुत्र सादिक पी निवासी- पलाई पुथनकलइथिल, मंजीरी करूवंबरम, केरल।
नाम/पता फरार अभियुक्त:
01- आशिक निवासी- निल्लीपुरम, मंजीरी, मल्लपपुरम, केरल।
02- अरशद निवासी- वेंगरा, मल्लपपुरम, केरल।
03- यासीन निवासी- मल्लपपुरम , मंजीरी, केरल।
04- रिहाब निवासी- वेंगरा, मल्लपपुरम, केरल।
05-. मुनीफ़ नि0- मल्लपपुरम , मंजीरी, केरल।
पूछताछ का विवरण:
पूछताछ पर अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि अब्दुल शकूर द्वारा बिटक्वाइन में इन्वेस्टमेंट के नाम पर लगभग 485 करोड रू0 केरल में मंजीरी, पाण्डीकर तथा मणपुरम आदि क्षेत्रों में कई लोगों से लिये गये थे, जिसके लिये अब्दुल शकूर द्वारा अपना एक कोर ग्रुप बनाया गया है, जिसमे रिहाब, आसिफ, अरशद और मुनीफ थे। इस कोर ग्रुप द्वारा भी अपनी अलग-अलग टीमें बनाई गयी हैं। जिसमें आशिक के द्वारा भी अपने करीबी साथियों आफताब, अंसिफ, फरासी, सुहेल तथा अरविन्द के साथ एक टीम बनाई गयी। जिनके द्वारा कई लोगों से पैसा बिटक्वाइन में इनवेस्ट कराने के लिये एकत्रित किया गया। इनवेस्ट किया गया सारा पैसा उक्त लोगों के माध्यम से एकत्रित होकर अब्दुल शकूर के पास आता था। जब शकूर को बिटक्वाइन में घाटा हो गया तो अब्दुल शकूर अपनी कम्पनी के चार साथियों आशिक, अरशद, मुनीफ और रिहाब के साथ काफी समय पूर्व केरल से फरार हो गया था। केरल में निवेशकों, जिनका पैसा शकूर के करीबी साथियों के माध्यम से बिटक्वाइन में लगा था, उनके द्वारा लगातार शकूर और उनके साथियों का पीछा किया जा रहा था और पिछले कई महीनों से जगह-जगह छिप रहे थे।
पूछताछ के दौरान प्रकाश में आया कि शकूर द्वारा अपने निकट साथी आशिक को यह कहकर गुमराह किया जा रहा था कि उसका बिटक्वाइन एकाउण्ट हैक हो गया है और वह अपनी ही क्रिप्टो करेंसी लांच कर रहा है, जिसमें फायदा होने पर वह निवेशकों का पैसा वापस कर देगा। आशिक, जो कि शकूर का सबसे पुराना साथी था, उसे पता था कि भले ही शकूर को बिटक्वाइन के व्यापार मे घाटा हुआ है, पर उसके पास अब भी कई सौ करोड के बिटक्वाइन हैं। आशिक द्वारा अपने एजेंटो आफताब, अंसिफ, फरासी, सुहेल तथा अरविन्द को साथ लेकर यह योजना बनाई कि शकूर से किसी प्रकार से बिटक्वाइन का पासवर्ड प्राप्त कर लिया जाये ताकि बिटक्वाइन के रूप में जो कई सौ करोड रूपये हैं, वह उन्हें प्राप्त हो सके। इसी योजना के क्रम मे उन्होने निर्णय लिया कि शकूर को किसी ऐसे एकान्त क्षेत्र में ले जाना उचित होगा, जहां पर उसे आसानी से टैकल किया जा सके। यासीन, जो कि आशिक व उसकी टीम के साथियों का पुराना परिचित था तथा देहरादून में पढ़ाई कर रहा था, को षडयंत्र में साथ लेकर उसे देहरादून में ऐसा स्थान ढूंढने के लिये कहा गया, जहां पर शकूर को आसानी से टैकल किया जा सके। प्लान के मुताबिक दिनाँक: 12/13-08-2019 को आशिक, अब्दुल शकूर को साथ लेकर देहरादून पहुँचा। उसके साथ उसके निकट साथी रिहाब, अरशद और मुनीफ भी थे। यासीन द्वारा योजना के मुताबिक मकान की तलाश की गयी तथा सुद्धोवाला प्रेमनगर में स्थित पंकज उनियाल का मकान शकूर को टैकल करने के लिये चिन्हित किया गया, उक्त मकान में इनके द्वारा दिनाँक: 20-08-2019 को प्रवेश किया गया। आशिक द्वारा यासीन व अपने अन्य साथियों आफताब, आसिफ, फरासी, सुहेल तथा अरविन्द से चर्चा की गयी कि शकूर के अन्य तीन साथियों (अरशद, मुनीफ और रिहाब) को इस योजना के विषय में अन्तिम समय में तब बताया जायेगा, जब उनके षडयंत्र में साथ न आने की स्थिती में उन्हें भी बंधक बनाया जा सके। प्लान के मुताबिक आशिक के 05 अन्य साथी आफताब, अंसिफ, फरासी, सौहेल तथा अरविन्द को भी दिनांक 26-08-19 दिल्ली से देहरादून पहुंचे। इसके पश्चात् जब यासीन, आसिफ व उसकी टीम के साथियों द्वारा अन्य तीन करीबी साथियों अरशद, मुनीफ और रिहाब को इस योजना अपने साथ आने को कहा तो वह बिना किसी विरोध के इनके साथ आ गये। इसके बाद इन सभी लोगो द्वारा अब्दुल शकूर पर बिटक्वाइन से सम्बन्धित पासवर्ड लेने के लिये उसे शारिरिक यातानाएं देना शुरू किया गया। अत्यधिक शारिरिक यातनांए देने पर शकूर की मृत्यू हो गयी। किन्तु क्योंकि कई सौ करोड रूपये शकूर के साथ खत्म हो रहे थे, इसलिये किसी चमत्कार की अपेक्षा में पहले वह उसे सिनर्जी अस्पताल व बाद में मैक्स अस्पताल में ले गये, परन्तु दोनो जगह डाक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित करने व किसी प्रकार का उपचार न होने की बात कहने पर वह उसे छोडकर भाग गये।
पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि मैक्स अस्पताल से निकलने के बाद पकडे जाने के डर से ये सभी लोग भागने की फिराक में थे परन्तु पुलिस की सक्रियता व लगातार चैकिंग को देखते हुए ये सभी पुलिस से बचने के लिये रेलवे स्टशन के पास ट्रैक के किनारे अंधेरे में छिप गये थे। यासीन इस क्षेत्र से पूर्व से ही भली भांती वाकिफ था, जिस कारण उजाला होने के बाद वाहनों की आवाजाही होने पर ये लोग आईएसबीटी बस अड्डे पर पहुंच गये तथा आइएसबीटी बस अड्डे पर एकत्र होकर वहां से बस में बैठकर सहारनपुर के रास्ते दिल्ली रवाना हुए।
बरामदगी:-
01- घटना स्थल से बरामद मृतक के मुहं पर बांधा गया टेप
02- खून से सने कपडे बरामद हुए
03- चाकू व पेंचकस
04- एक क्रेटा कार
पुलिस टीम:
01- श्रीमती श्वेता चौबे, पुलिस अधीक्षक, नगर।
02: श्री शेखर चन्द सुयाल, क्षेत्राधिकारी, नगर।
03: श्री अरविन्द सिंह रावत, क्षेत्राधिकारी, मसूरी।
04: श्री एश्वर्य पाल, प्रभारी एस0ओ0जी0।
05: श्री नरेन्द्र गहलावत, थानाध्यक्ष, प्रेमनगर।
06: उ0नि0ओमवीर चौधरी, प्रभारी चौकी झाझरा।
07: उ0नि0 शिवराम, थाना प्रेमनगर।
08: उ0नि0नवनीत भण्डारी, थाना प्रेमनगर।
09: कां0 मुस्तफा जैदी, कां0 नरेन्द्र रावत, कां0 अमित कुमार, कां0 हरीश सामन्त, थाना प्रेमनगर।