आरक्षित को अयोग्य कहने पर,शिक्षक संघ का फूटा गुस्सा l
उत्तराखंड : देहरादून पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में हाईकोर्ट नैनीताल द्वारा 1 अप्रैल 2019 को दिए गए निर्णय में वर्ष 2012 से पदोन्नति में आरक्षण पर लगी रोक हटा दी गई है। इससे पूर्व माननीय सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए गए है ।
अब जबकि उत्तराखंड प्रदेश में एक और समानता मंच पदोन्नति में आरक्षण का विरोध कर रहा है, उन्होंने कल अपनी बैठक में आरक्षित वर्ग के विरोध में वक्तव्य दिया की आरक्षण के जरिए अयोग्यता को योग्यता के ऊपर हावी नहीं होने दिया जाएगा इस पर अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रांतीय अध्यक्ष संजय भाटिया व प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि जब सभी कार्मिक एक जैसी योग्यता से चयनित होकर नियुक्त होते हैं और सभी पदोन्नति के लिए और हैं तो फिर अयोग्यता की बात कहां से आई उन्होंने उदाहरण दिया कि एलटी प्रवक्ता जूनियर इंजीनियर या अन्य सभी की योग्यताएं वर्ग विशेष के लिए अलग नहीं होती हैं उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के कार्मिकों की भावना को ठेस पहुंची है l
एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर इसकी जांच करवा कर बोलने वाले पदाधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है क्योंकि ऐसे बयान से प्रदेश का सौहार्दपूर्ण वातावरण खराब होने का खतरा बना है इसलिए शीघ्र ही कार्रवाई की अपेक्षा की जाती है ।