सूचना दिए बिना बंद नहीं होगा दून पब्लिक स्कूल, शिक्षा विभाग I
देहरादून : आपको अवगत करना है कि दिनांक 11/03/2019 को नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR ) ने एक ज्ञापन शिक्षा विभाग को मुख्य शिक्षा अधिकारी के नाम प्रेषित किया था जिसमें सहस्रधारा रोड़ स्थित “दून पब्लिक स्कूल” के संचालकों द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना अचानक स्कूल को बंद करने के फैसले से स्कूल मे पढ़ रहे 300 बच्चों जिसमे 52 बच्चे RTE वाले हैं व वहां के कर्मचारियों का भविष्य संकट मे पड़ गया है । दून पब्लिक स्कूल को निर्देशित किया जाए कि या तो वह अपने स्कूल मे पढ़ने वाले सभी बच्चों को कहीं और स्थानांतरित करें या फिर अपने स्कूल को अगले वर्ष बन्द करें ताकि सभी अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन समय रहते किसी अन्य स्कूल मे कर सकें साथ ही जो 52 बच्चे RTE वाले पढ़ रहे हैं उनकी भी किसी अन्य स्कूल मे व्यवस्था हो सके । साथ ही स्कूल द्वारा RTE वाले बच्चों से पहले 3000 रुपये सालाना लिए जाते थे और अब ये शुल्क 5000 रुपये कर दिए हैं जिसका कोई भी लिखित प्रमाण यह अभिभावकों को नही देते हैं । स्कूल प्रशासन द्वारा स्कूल खर्चे के नाम पर प्रत्येक वर्ष 5000 रुपये अभिभावकों से लिये जाए हैं । इल्यास फीस वर्ष मे दो बार 900 रुपये प्रत्येक छमाही के रूप मे ली जाती है 300 रुपये की अपनी स्कूल डायरी के अलावा । अभिभावकों से बच्चों को TC देने के नाम पर 100 रुपये प्रत्येक बच्चों से ले लिया गया हैं और 5000 रुपये और TC के समय जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है ये शिकायतें भी की गई थी । जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी श्रीमती आशा रानी पैन्यूली ने आज दिनांक 12/03/2019 को दून पब्लिक स्कूल के नाम नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि चूंकि स्कूल उत्तराखंड सरकार की NOC और सम्बन्धित बोर्ड के नियमानुसार संचालित हो रहा है अतः आप इसे बिना 01 वर्ष पूर्व की सूचना के और शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना बन्द नही कर सकते । मुख्य शिक्षा अधिकारी ने स्कूल संचालन समिति के दस्तावेज के साथ उपस्थित होने व अभिभावकों एवं छात्रों को किसी भी रूप से परेशानी होने को स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करी है । नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने शिक्षा विभाग के इस फैसले का स्वागत करते हुए दून पब्लिक स्कूल के अभिभावकों से अपील करी है कि वो अपने बच्चों की पढ़ाई व स्कूल को लेकर चिंतित न हों और शिक्षा विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदम पर पूरा भरोसा रखें ।