उत्तराखंड : करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में अंकुर शर्मा गिरफ्तार I

देहरादून: उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने अहम गिरफ्तारी की है. एसआईटी ने अंकुर शर्मा को अरेस्ट कर न्यायालय के समक्ष पेश किया. जहां से कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. अंकुर शर्मा पर छात्रवृत्ति घोटाले का मुख्य आरोपी है. जिन पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का आरोप है l

इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज वेदपुर रुड़की संस्थान के निदेशक आरोपी अंकुर शर्मा पर धारा 420 409 वह 120 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी निदेशक मूल रूप से अट्ठारह ईदगाह प्रकाश नगर थाना कैंट देहरादून का रहने वाला है. आरोपी संस्था निदेशक ने वर्ष 2014- 15- 16 को अपने तकनीकी संस्थान में 2023 छात्र-छात्राओं को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति में फर्जी प्रवेश दिखा कर करोड़ों रूपए की हेराफेरी का आरोप है. उन पर 6 करोड़ 28लाख, 94 हजार 750 रुपए के गबन का आरोप है l

छात्रवृत्ति घोटाले में वर्ष 2014 15 व 16 में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के 2032 छात्र छात्राओं के फर्जी दस्तावेज आधार पर आरोपी अंकुर शर्मा द्वारा अपने संस्थान में रजिस्ट्रेशन दिखाया जो जांच के दौरान पूरी तरह से फर्जी पाया गया. जिसके चलते इस घोटालें में रुड़की बेडपुर स्थित इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्ट्डीज तकनीकी विश्वविद्यालय के खाते में समाज कल्याण विभाग द्वारा 6 करोड़ 28लाख 94 हजार 750 रुपए बैंक द्वारा स्थानांतरित किए गए थे.
अंकुर शर्मा ने इस घोटाले से संबंधित किसी तरह के भी दस्तावेज एसआईटी को उपलब्ध नहीं कराए. जबकि जांच पड़ताल में संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दिखा कर सरकार से प्राप्त करोड़ों की धनराशि हड़प ली गई थी. ऐसे में आरोपी निदेशक अंकुर शर्मा के खिलाफ पहले से थाना सिडकुल हरिद्वार में दर्ज मुकदमें के आधार पर 11 फरवरी बीती रात धारा 420, 409,120 बी आईपीसी के तहत गिरफ्तार कर थाना सिडकुल में दाखिल किया गया जहां से उसे कोर्ट में आज मंगलवार पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.

एसआईटी अध्यक्ष मंजूनाथ के मुताबिक इस आरोपित संस्थान का हालफिलहाल संचालन गिरफ्तार अंकुर शर्मा के भाई विवेक शर्मा पुत्र दीनदयाल शर्मा कर रहे थे जो फिलहाल एसआईटी कार्रवाई के चलते फरार चल रहे हैं, हालांकि उनकी गिरफ्तारी के लिए भी कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है ऐसे में सह आरोपी के खिलाफ भी धरपकड़ तेज कर दी गई है l

छात्रवृत्ति घोटाले में राज्य और बाहर के संस्थानों में बाहरी बच्चों का फर्जी प्रवेश दिखाकर 2012 से करोड़ों रुपये दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के रूप में समाज कल्याण से लिए गये थे. बाद में ये घोटाला सामने आया था. इस घोटाले में हरिद्वार, सहारनपुर और देहरादून के कई कॉलेजों द्वारा फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपयों को हड़पे गये थे.
जानकारी के मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2012-13 से लेकर वर्ष 2014-15 के बीच हरिद्वार, देहरादून और सहारनपुर के कई निजी कॉलेजों में छात्रों का आईटीआई, पॉलिटेक्निक और बीटेक में दाखिला दिखाकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पी गई. वहीं वर्ष 2017 में इसकी शिकायत होने के बाद जांच में तमाम फर्जी दाखिलों की पुष्टि हुई. सरकारी और प्राइवेट इंटर कॉलेज, पीजी कॉलेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज, बीएड कॉलेज समेत अन्य प्रोफेशनल कॉलेजों में यह खेल हुआ था.
समाज कल्याण विभाग में घोटाले को लेकर देहरादून निवासी रविंद्र जुगरान ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इससे पहले सोमवार को छात्रवृत्ति घोटाले में नैनीताल उच्च न्यायालय में सरकार ने अपना जवाब पेश किया था. सरकार ने कोर्ट में माना था कि उत्तराखंड समेत देश के 6 राज्यों में छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को CBI से जांच करवाने को लेकर 18 फरवरी को जवाब पेश करने के आदेश दिए है l

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