5 वर्ष से न्याय के लिए दर दर भटक रहे पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया,पंकज राणा l

देवभूमि उत्तराखंड : अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन,समा वैसी लोकतंत्र का सबसे बड़ा अन्याय, एक संघ रक्षक मानव समाज जो विलुप्ती के कगार पर 3 अंको वाली दुर्लभ आदम हिमालयन जनजाति सीमांत जनपद पिथौरागढ़ चीन तिब्बत सीमा में एक राजी जनजाति के नाबालिक बच्चे को निर्दोष रहते हुए भी आजीवन कारावास की सजा 2005 से वर्तमान में सेंट्रल जेल सितारगंज उत्तराखंड में काट रहा है l


जिसको लेकर जसवंत सिंह जंगपांगी 5 वर्ष से लगातार उत्तराखंड से लेकर दिल्ली मंत्रालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें अब तक कोई न्याय की आस नही देखाई दे रही है,सिर्फ हाथ लगी मायूसी। ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी जहां गए नहीं परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली, 5 वर्ष से घर से बेघर हुए जसवंत सिंह जंगपांगी ने लगातार दिल्ली जंतर मंतर पर ओर अभी इस समय देवभूमि उत्तराखंड के देहरादून में परेड ग्राउंड धरना स्थल पर अकेले धरना दे रहे है l इस मामले को संज्ञान में लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष मानवाधिकार सुरक्षा संगठन पंकज राणा एवं प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड मानवाधिकार सुरक्षा संगठन कृष्णा उनियाल व दिग्विजय सिंह प्रदेश प्रभारी उत्तराखंड मानवाधिकार अधिकार सुरक्षा संगठन ने जसवंत सिंह जंगपांगी से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा जल्द से जल्द इस मामले में सरकार से मिलकर उक्त प्रकरण की जांच कराएंगे । ओर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे l

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