2 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड एस सी-एस टी इंप्लाइज फैडरेशन द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस l

देहरादून : आज दिनांक 22 सितंबर 2019 को उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फैडरेशन द्वारा हिंदी भवन परेड ग्राउंड देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिनांक 1 अप्रैल 2019 एवं 9 अगस्त 2019 को माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा एससी- एसटी कार्मिकों की पदोन्नति में आरक्षण के रोक संबंधी 5 सितंबर 2012 के आदेश को समाप्त करते हुए, पूर्व से चली आ रही पदोन्नति प्रणाली के बाली का आदेश जारी किया गया है l
इसके बाद से फैडरेशन द्वारा नियंत्रण शासन प्रशासन के समक्ष इस आदेश के अनुपालन का अनुरोध किया गया किंतु सरकार द्वारा इतने लंबे समय तक इस आदेश का पालन ना किया जाना भेदभाव पूर्ण नीति को परिलक्षित करता है, यही बात 11 सितंबर 2019 के शासनादेश रोस्टर के क्रमिक निर्धारित फेरबदल के रूप में सामने आई है, रोस्टर के पुनर्गठन हेतु कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य द्वारा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर रिपोर्ट के बिंदु संख्या 13 में स्पष्ट किया है रोस्टर के पुनर्गठन के अनुसार रोस्टर क्रमांक में किसी प्रकार की गति परिलक्षित नहीं हुई है l
इसके बाद भी 11 सितंबर 2019 को शासनादेश जारी करते समय रोस्टर के क्रमांक को बदल दिया गया जो कि एक असंवैधानिक कृति है इसका विरोध स्वयं कमेटी के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य द्वारा भी किया गया जिसके बाद फैडरेशन द्वारा मंत्री और कार्मिक सचिव के साथ वार्ता के बाद तय किया गया कि इसमें संशोधन किया जाएगा, इस आश्वासन से मुख्यमंत्री जी को भी अवगत कराया गया था इसके बाद फैडरेशन द्वारा प्रदेश भर में इसका विरोध प्रदर्शन किया गया शासन प्रशासन को इसकी विसंगतियों को प्रकट कराते हुए ज्ञापन प्रेषित किया गया l
उपर्युक्त दोनों मामलों में स्पष्ट है कि इसमें उच्च न्यायालय एवं संवैधानिक समिति के आदेश का पालन न किए जाने से स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार संवैधानिक समिति के आदेशों की अवहेलना कर रही है l
हमारे द्वारा अपनी यह व्यवस्था प्रदेश के मंत्रियों विधायकों के समक्ष रखने व उनके द्वारा न्यायिक आदेश के पालन का आश्वासन देने पर जनरल ओबीसी एसोसिएशन द्वारा उनका संवैधानिक विरोध करते हुए उन पर वर्ग विशेष के पक्ष का आरोप लगाकर उनकी सदस्यता समाप्त करने की धमकी देते हुए उन्हें डराने धमकाने व बहुसंख्यक के आतंक से भयभीत करने का प्रयास किया गया हम सब कड़े शब्दों के साथ जनरल ओबीसी एसोसिएशन का विरोध करते है l
जनवरी 2019 मैं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण विधेयक प्रस्तुत करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में घोषणा कर आश्वासन दिया गया था कि इसके क्रिया वन्य मैं पूर्व से चली आ रही एससी एसटी ओबीसी वर्ग के आरक्षण या प्रतिनिधित्व मैं किसी प्रकार की छेड़खानी व फेरबदल नहीं किया जाएगा इसके लिए प्रदेश सरकार को भी प्रधानमंत्री की घोषणा व आश्वासन का ध्यान रखते हुए पूर्व निर्धारित रोस्टर क्रमिक का पालन करने का शासनादेश एवं 5 सितंबर 2012 से पूर्व सरकार के आदेश का पालन करते हुए पूर्व अनवर पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को बहाल करना चाहिए
इस मौके पर जिला अध्यक्ष शिवलाल गौतम, जितेंद्र सिंह बटोहिया प्रांतीय महामंत्री एससी-एसटी शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड, आरबी सिंह सतीश कुमार भूपेंद्र सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण कुमार बलदेव शाह आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे l

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