गुमशुदा बुजुर्ग की हत्या में महिला सहित 03 अभियुक्त गिरफ्तार , लूटी गयी गाड़ी, मोबाईल व अन्य सामग्री बरामद ।
देहरादून : आज दिनांक- 08 फरवरी 2020 को सीमा उर्फ शैलजा चौहान पत्नी आनन्द प्रकाश चौहान नि0 133 दून विहार, जाखन देहरादून ने थाना राजपुर पर आकर लिखित शिकायत की कि उनके पति आनन्द प्रकाश चौहान उम्र-करीब 65 वर्ष दिनांक 05 फरवरी 2020 को समय सुबह 08.30 बजे घर से जखोली (सोनीपत) हरियाणा के लिए अपनी गाड़ी Hundai Eon से निकले थे, जो अभी तक वहां नहीं पहुँचे एवं उनका मोबाईल फोन भी बन्द आ रहा है, सभी नाते रिश्तेदारियों में भी पता कर लिया है पर अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
इस सूचना पर तत्काल गुमशुदगी पंजीकृत कर उच्चाधिकारीगणो को अवगत कराया गया, जिस पर पुलिस उपमहानिरीक्षकध/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा एक सीनियर सिटीजन के गुमशुदा होने को गम्भीरता से लेते हुए गुमशुदा की शीघ्र बरामदगी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये, जिस पर पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी डालनवाला के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष राजपुर के नेतृत्व में थाना स्तर पर एक टीम का गठन किया गया, गठित टीम द्वारा गुमशुदा के परिवार के प्रत्येक सदस्य से गहनता से पूछताछ की गयी तथा गुमशुदा के बैंक एकाउन्ट की जानकारी लेकर टॉजैक्शन चैक किया गया तो पाया कि गुमशुदा द्वारा जाने से एक दिन पूर्व अपने बैंक खाते से दिनांक 04 फरवरी 2020 को डेढ लाख रूपये की निकासी की गयी है तथा घर पर अपने पैतृक गांव जाने की बात बताई गयी।
प्रथम दृष्टया गुमशुदा का देहरादून से स्वयं जाना प्रकाश में आया, जिसकी तलाश हेतु पम्पलेट छपवाकर डीसीआरबी/एससीआरबी के माध्यम से गैर प्रान्त/जनपदों को प्रेषित किये गये तथा पुलिस सूत्रों को भी अवगत कराकर गुमशुदा की तलाश में लगाया गया, साथ ही एसओजी के माध्यम से गुमशुदा के नम्बर की कॉल डिटेल प्राप्त की गयी, जिसमें गुमशुदा की दिनांक 05 फरवरी 2020 को करीब 11.30 बजे की लोकेशन चिडियापुर टावर में होनी पायी गयी तथा गुमशुदा का अन्तिम बार एक ही नम्बर से कई बार बात होना प्रकाश में आया। उक्त नम्बर के सम्बन्ध में जानकारी करने पर यह नम्बर नरपाल नामक व्यक्ति का होना ज्ञात हुआ, जो बजाज इन्स्टीट्यूट जाखन में गार्ड का काम करता है। नरपाल के सम्बन्ध में और अधिक जानकारी करने पर पता चला कि नरपाल अपने गांव की एक महिला सरोजबाला, जो उसके दूर के रिश्ते में साली लगती है, के साथ जाखन में पेट्रोल पम्प के पास किराये के मकान में रहता था, जिनके साथ सरोजबाला का एक मूक-बधिर पोता भी था।
उक्त दोनो करीब 30 साल से एक साथ रह रहे हैं और दोनो छितावर बिजनौर के रहने वाले हैं। नरपाल की तलाश करने पर जानकारी मिली कि वह सांस व दिल की बीमारी से पीडित है तथा दिनांक 09 फरवरी 2020 से सरकारी अस्पताल बिजनौर में एडमिट है। इस पर नरपाल से पूछताछ हेतु एक टीम बिजनौर रवाना की गयी, वहां डाक्टरों द्वारा मरीज की हालत गम्भीर बताते हुए पूछताछ से इंकार कर दिया गया। इसी दौरान सर्विलांस के माध्यम से गुमशुदा के मोबाईल में एक अन्य नम्बर के एक्टिवेट होने की जानकारी मिली, जो प्रेमपाल के नाम पर रजिस्टर्ड होना ज्ञात हुआ। जिसके सम्बन्ध में जानकारी करने पर उक्त व्यक्ति प्रेमपाल, नरपाल का भाई होना प्रकाश में आया। जिस पर प्रेमपाल व उक्त महिला सरोजबाला को पूछताछ हेतु थाना राजपुर बुलवाया गया था।
उक्त दोनो व्यक्ति दिनांक: 28 फरवरी 2020 को अपने वकील के साथ चौकी जाखन पहुँचे थे। इन दोनो से अलग-अलग कई चक्रों में सख्ती से पूछताछ करने पर प्रेमपाल द्वारा बताया कि नरपाल द्वारा बनाई गयी योजना के अनुसार मैने, सरोजबाला व नरपाल ने चौहान को गैण्डीखत्ता में बुलाया था और वहां से किसी तांत्रिक से मिलाने के बहाने उसे 2-3 किलोमीटर अन्दर जंगल में ले जाकर उसका गला दबाकर उसे मार दिया था तथा उसके पास से बरामद पैसे, मोबाईल व उसकी गाड़ी की चाबी आदि लेकर हम लोग वहां से भाग गये। इस जानकारी पर पुलिस टीम प्रेमपाल, सरोजबाला व गुमशुदा के परिजनों को साथ लेकर गैण्डीखाता के जंगल में शव की तलाश हेतु रवाना हुयी । गैण्डीखत्ता के जंगल में अभियुक्तो द्वारा जंगल के अन्दर पगडण्डियों में मुख्य सड़क से करीब ढाई-तीन किलोमीटर दूर जंगल के अन्दर एक बड़े से पेड़ के पास जाकर बताया कि यहीं पर हम तीनों ने चौहान को गला दबाकर मार दिया था, उक्त स्थान व उसके आस-पास शव की तलाश करने पर वहां कोई शव बरामद नहीं हुआ। स्थानीय थाना पुलिस से सम्पर्क करने पर गैण्डीखाता वन क्षेत्र का जनपद पौडी में राजस्व पुलिस के अन्तर्गत होना पाया गया। इस सम्बन्ध में राजस्व उ0नि0 से जानकारी करने पर उनके द्वारा बताया गया कि दिनांक 06 फरवरी 2020 को गैण्डीखत्ता के जंगल में एक बुजुर्ग व्यक्ति का शव बरामद हुआ था, जिसके पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्यवाही राजस्व पुलिस द्वारा की गयी है।
मृतक के फोटोग्राफ, कपड़े व अन्य सामान को परिजनो को दिखाने पर उनके द्वारा उसकी पहचान मृतक आनन्द प्रकाश चौहान के रूप में की गयी। पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त प्रेमपाल व अभियुक्ता श्रीमती सरोजबाला को मौके पर ही गिरफ्तार किया गया व अन्य 02 अभियुक्त नरपाल व संजीव की गिरफ्तारी व मृतक की कार व मोबाईल की बरामदगी हेतु पुलिस व एसओजी की टीम को अलग से रवाना किया गया। उक्त टीम द्वारा नरपाल को मय कार व मोबाईल के छितावर बिजनौर से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गयी। पैसे के सम्बन्ध में पूछने पर अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा मृतक आनन्द प्रकाश से लूटे गये पैसों को खर्च कर दिया है, अभियुक्तगणों को कल मा0 न्यायालय में पेश किया जायेगा ।
नाम पता अभियुक्तगण:-
1- नरपाल पुत्र स्व0 गोविन्दा नि0 ग्राम छितावर थाना कीरतपुर जिला बिजनौर उ0प्र0 हाल निवासी जाखन राजपुर देहरादून उम्र 62 वर्ष
2- प्रेमपाल पुत्र स्व0 गोविन्दा नि0 ग्राम छितावर थाना कीरतपुर जिला बिजनौर उ0प्र0 उम्र 65 वर्ष
3- श्रीमती सरोजबाला पत्नी स्व0 ऋषिपाल नि0 ग्राम छितावर थाना कीरतपुर बिजनौर उ0प्र0 हाल- नि0 पेट्रोल पम्प के पीछे जाखन राजपुर देहरादून उम्र-60 वर्ष
बरामदगी का विवरण:
1- 01 कार Hindi Eon HR 10 U 7789
2-मृतक का मोबाईल सैमसंग
3-मृतक के कपड़े व नग वाली अंगूठी
पूछताछ का विवरण
पूछताछ में अभियुक्त प्रेमपाल द्वारा बताया गया कि हम छः भाई थे, जिसमें तीन की मृत्यू हो चुकी है और तीन जीवित है । सबसे बड़ा गुड्डू, दूसरे नम्बर का मै तथा तीसरे नम्बर का नरपाल है । नरपाल व मेरी शादी नहीं हुई है, मै गांव में खेती-मजदूरी करता हूँ तथा नरपाल देहरादून में 8-10 वर्षों से गार्ड की नौकरी कर रहा था, जहां पर वह सरोजबाला नाम की महिला व उसके गूंगे बहरे पोते के साथ जाखन में पेट्रोल पम्प के पास रह रहा था। नरपाल द्वारा मुझे बताया कि देहरादून में मेरी मुलाकात आनन्द प्रकाश चौहान नाम के व्यक्ति के साथ हुई थी, जो कभी कभार उसके साथ शराब पीता था। आनन्द द्वारा नरपाल को बताया गया था कि उसकी पत्नी सीमा उससे झगड़कर बार-बार 4-5 महिने के लिए मायके चली जाती है, जिससे चौहान काफी परेशान रहता था तो नरपाल ने उसको एक तांत्रिक के बारे में बताया, जो उसकी पत्नी का दिमाग फेर दे और वह उसके घर में शांति से रहे, जिस पर चौहान राजी हो गया था ।
दिनांक 05 फरवरी 2020 को नरपाल द्वारा फोन के माध्यम से मुझे बताया कि देहरादून से चौहान आ रहा है, जो अपने साथ काफी पैसे भी ला रहा है, उसको ठिकाने लगाकर हम उसके पैसे व गाड़ी रख लेंगे। योजना के मुताबिक सरोजबाला, चौहान को लेकर देहरादून से निकली, हम सभी को गैण्डीखाता मे मिलना था। चूंकि मुझे पैसो की बहुत अधिक आवश्यकता थी तो मै उसकी बातों पर यकीन कर बस पकड़कर नजीबाबाद गया, नजीबाबाद से मै और नरपाल दोनो रोड़वेज बस से गैण्डीखाता पहुंचे, जहांँ पर हमें चौहान और सरोजबाला दोनो मिल गये। चौहान अपनी सफेद रंग की गाड़ी से आया था, इस दौरान नरपाल से चौहान ने कुछ देर के लिये अलग जाकर बात की और उसके बाद हम चारों उसी गाड़ी में बैठ गये, जिसे चौहान चला रहा था। गाडी में नरपाल उसके बगल की सीट में बैठा था और सरोजबाला व मै गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे थे । सफर के दौरान चौहान को अपनी बातों में उलझाने के लिये हम उसे उसी तांत्रिक के किस्से सुना रहे थे, जिसके पास ले जाने के लिए हमने चौहान को बुलाया था, फिर गैण्डीखाता के पास जंगल के रास्ते में गाड़ी रोककर हम सभी जंगल के अन्दर एक पगडण्डी के सहारे लालडांग की ओर चल दिये।
करीब 2-3 किमी चलने के बाद चौहान ने कहा कि मै बहुत थक गया हूं तभी नरपाल ने उसे एकदम नीचे गिराकर उसका गला दबाया और मैने व सरोजबाला ने उसके हाथ पैर पकडे । जब वह थोड़ा बेहाश सा होने लगा तो नरपाल ने उसकी पैण्ट निकालकर पैण्ट को उसके गले में लपेटकर उसकी सांस तब तक रोकी जब तक वह मरा नहीं, फिर उसकी जेब से पैसे, एटीएम कार्ड व गाड़ी की चाबी आदि निकालकर हमने अपने पास रख लिये। फिर हम लोग आनन्द प्रकाश के शव को वहीं पर छोड़कर सड़क पर आये, जहां से हम एक ड्राइवर की व्यवस्था कर चौहान की गाड़ी से नजीबाबाद पहुंचे, जहां उन्होने मुझे मेरे गांव में उतार दिया, उसके बाद नरपाल गाड़ी लेकर कहीं चला गया और सरोजबाला गैण्डीखाता से बस से वापस देहरादून आ गयी। बाद में मुझे पता चला कि नरपाल हॉस्पिटल में भर्ती हो गया है, हम लोग काफी डर गये थे फिर मै और सरोजबाला पुलिस के पूछताछ किये जाने पर इन सब बातों को ज्यादा देर छिपा नहीं पाये। हमारे द्वारा जो रूपया चौहान के पास से लूटा था, उसमें से मुझे अभी तक कुछ भी नहीं मिला है, मैने कई बार नरपाल से पैसे की हिस्सेदारी के सम्बन्ध में बात की किन्तु वह मामले को शांत हो जाने तक इन्तेजार करने की बात कहता रहा। लूट में मिले चौहान के मोबाईल को भी नरपाल ने रख लिया था, नरपाल के पास मेरा एक पुराना सिम था, वह उसी को उस मोबाईल में इस्तेमाल कर रहा था। नरपाल और सरोजबाला द्वारा उक्त घटना को अंजाम देने की योजना करीब एक-डेढ महिने पहले से ही बना ली थी, मैं केवल पैसों के लालच में उनके झांसे में आ गया। नरपाल पूर्व में भी 03 बार बिजनौर से जेल जा चुका है । अन्य अभियुक्तगणो के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है, इनके द्वारा अन्य तथ्यों के सम्बन्ध में भी बताया गया है, जिसका परीक्षण/विश्लेषण कर विवेचना में सम्मिलित कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जायेगी ।
पुलिस टीम
1-श्रीमती श्वेता चैबे, पुलिस अधीक्षक नगर देहरादून
2-श्री विवेक कुमार, क्षेत्राधिकारी डालनवाला देहरादून
3-श्री अशोक राठौड़, थानाध्यक्ष राजपुर देहरादून
4-श्री संदीप रावत, व0उ0नि0 थाना राजपुर देहरादून
5-श्री योगेश चन्द पाण्डेय, चैकी प्रभारी जाखन थाना राजपुर
6-श्री ज्योति प्रसाद उनियाल, उ0नि0 थाना राजपुर देहरादून
7-कानि0 417 मनमोहन, थाना राजपुर
8-कानि0 1051 मुकेश बुटोला, थाना राजपुर
9-कानि0 534 भरत, थाना राजपुर
टीम एसओजी
1-उ0नि0 मोहन सिंह
2-कानि0 प्रमोद
3-कानि0 अमित चौधरी
4-कानि0 देवेन्द्र ममगांई