समाजवादी पार्टी द्वारा जनता के नाम खुला पत्र, आंदोलनकारियों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग।
देहरादून : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आव्हान गांधी जयंती के अवसर पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर 2 घंटे मौन व्रत पर बैठें, अखिलेश यादव ने कहा है कि विश्व को सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाने वाले राष्ट्रपिता ने जो सपना देखा था, स्वराज मिलने के बाद जनता का राज जनता की बेहतरी के लिए होगा परंतु मुझे खेद है कि वर्तमान में केंद्र सरकार आजाद भारत को पुनः देश के काले अंग्रेजों के हाथ बेच कर देश को गुलाम बनाने का कार्य कर रही है।
जैसे कि रेल दूरसंचार अस्पताल सार्वजनिक प्रतिष्ठान शिक्षा संस्थान आदि कोऑपरेटिव घरानों को बेचना शुरू कर दिया गया है, जिससे देश की जनता को बड़ा झटका तब लगा है जब किसान और उसकी विरोधी 3 काले कानूनों को आनन-फानन में संसद के दोनों सदनों में पास करा कर बिना देरी के राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करवा कर कानून बना दिया गया है, आज देश के किसान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर है परंतु गूंगी बहरी सरकार अपने इस काले कारनामे को सही ठहराने में लगी है, सरकार ने देश के श्रमिकों को भी नहीं बख्शा उनके खिलाफ भी तीन काले कानून तो कर उनको भी मालिकों का बंधुआ मजदूर बना दिया है, संवैधानिक हकों को इन काले कानूनों से छीन लिया है।
समाजवादी पार्टी उत्तराखंड देश के राष्ट्रपति से आज मौन व्रत रखकर अनुरोध करती है कि किसान एवं मजदूर विरोधी तीनों काले कानूनों वापस ले और संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करें, समाजवादी पार्टी उत्तराखंड के राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करती है तथा आंदोलनकारियों की मांग की रामपुर तिराहा कांड के दोषियों को सजा दी जाए उसका समर्थन भी करती है।
उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की डबल इंजन की सरकारें रहीं परंतु आंदोलनकारियों की इस मांग को लंबित रखा है इस बात का खुलासा अत्यंत आवश्यक है कि वह कौन सा केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय का पत्र था जिसमें कहा गया था कि गढ़वाल मंडल से 2 अक्टूबर दिल्ली आने वाली आंदोलनकारियों की बसों की तलाशी ली जाए इस प्रकार का पत्र गृह मंत्रालय ने किस सूचना अथवा पत्र के कारण लिखा था, दूसरा कुमाऊं मंडल के सभी आंदोलनकारी दिल्ली पहुंच गए उन्हें कहीं नहीं रोका गया इसके साथ ही उस समय मुजफ्फरनगर में तैनात किन-किन राजनेताओं के चाहते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को यह सच्चाई मालूम है और उन्होंने इस बात का एक वीडियो में खुलासा किया था यदि रोकने में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार का कोई भी हाथ होता तो कुमाऊं मंडल के आंदोलनकारी वी दिल्ली नहीं जा पाते, समाजवादी पार्टी द्वारा शहीदों को नमन भावभीन श्रद्धांजलि ।