संवैधानिक अधिकारों के प्रति समाज में चेतना जागृत करेंगे : सुनीता कपरवाल।
देहरादून : अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के द्वारा आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में
“पदोन्नति में आरक्षण न मिलने के कारण, चुनौतियां व समाधान” विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए बामसेफ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनीता कपरवाल ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार द्वारा सामाजिक न्याय के सिद्धांत का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।
निर्वाचित प्रतिनिधियों ने विधानसभा पटल पर चर्चा परिचर्चा के बिना ही वंचित वर्ग के पदोन्नति में आरक्षण के अधिकार को असंवैधानिक तरीके से छीन लिया है। चुनौतियों के बारे में उन्होंने आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधियों से भी अपने वर्ग की बात रखने की आवश्यकता बताई और कहा कि इसके समाधान के लिए हम समाज का निर्माण करेंगे। समाज में चेतना जागृत करेंगे। उनको संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष में शामिल करेंगे। एक अभियान के रूप में पूरे उत्तराखंड में इसको चलाया जाएगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष संजय भाटिया ने कहा कि वह प्रदेश के आरक्षित वर्ग के सभी वर्गों से एक मंच पर आने की अपील करते हैं और सभी के प्रतिनिधित्व के लिए सामूहिक संघर्ष की रणनीति बनाएंगे। संगोष्ठी का संचालन करते हुए प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि इरशाद आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा सत्र में चर्चा के लिए पटल पर रखते हुए उस पर न्यायोचित निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से पूछा कि 7 फरवरी 2020 को जो निर्णय सुप्रीम कोर्ट से आया है उसमें जो शपथ पत्र राज्य सरकार उत्तराखंड द्वारा दिया गया है क्या उसे विधानसभा से पारित करवाया गया है ? सरकार को इसे भी सार्वजनिक करना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि कब तारीख में बहुमत अथवा पक्ष – विपक्ष में मतदान कर इस विषय पर निर्णय लिया गया है। उन्होंने मांग की है कि बैकलॉग के 22000 पद कहां गए यह भी सरकार को बताना चाहिए ? प्रांतीय संरक्षक सोहनलाल ने कहा कि इस विषय पर हम प्रत्येक तहसील व विकासखंड स्तर पर समाज को जागरूक कर बताएंगे कि किस प्रकार से पदोन्नति में आरक्षण ना मिलने से हमारे समाज के युवाओं की नौकरियां नहीं लग रही है।
वक्ताओं द्वारा शीघ्र ही प्रदेश सरकार से मिलकर अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन की अपेक्षा की गई है इस अवसर पर प्रांतीय संरक्षक भारत भूषण शाह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल कुमार ह्यूमन, उपाध्यक्ष आनंद सिंह विद्रोही, महिला उपाध्यक्ष मंजली आर्य, संयुक्त मंत्री विजय बैरवाण, संगठन मंत्री सुरेंद्र शमशेर जंग व राकेश कुमार टम्टा, चितरंजन कुमार, मंडल अध्यक्ष कुमाऊं धीरज कुमार बाराकोटी, मंत्री संजय कुमार टम्टा, मंडल अध्यक्ष गढ़वाल अनूप कुमार पाठक, मंत्री रामलाल आर्य, जिला अध्यक्ष पिथौरागढ़ अनिल कुमार, नैनीताल वीरेंद्र कुमार टम्टा, पौड़ी गढ़वाल बृजेंद्र सिंह आर्य, बागेश्वर हरीश चंद्र आगरी, हरिद्वार मेघराज सिंह, उधम सिंह नगर हरिओम सिंह, उत्तरकाशी मनवीर गौतम, चमोली दिनेश शाह, टिहरी रामलाल देशमुख, अल्मोड़ा भोपाल प्रसाद कोहली, देहरादून शिव लाल रडवाल, जिला मंत्री नैनीताल दीप दर्शन, पौड़ी जगदीश राठी, बागेश्वर विवेकानंद टम्टा, हरिद्वार जीत पाल सिंह, रुद्रप्रयाग कमल कुमार टम्टा, वी आर कोहली, विनोद कुमार, चित्रा गॉड, कमल कुमार, इंद्रपाल, लक्ष्मी टम्टा आदि ने अपने विचार रखे बैठक में पूरे प्रदेश से एक सौ शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।