श्रम कानूनों की कटोती के खिलाफ सीटू का विभिन्न स्थानों पर विरोध स्वरूप सरकार के पुतले फूंके ।
देहरादून : आज दिनांक 30 जुलाई 2020 को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने उत्तराखंड सरकार के श्रम कानून विरोधी फैसले का विरिध किया है, इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि विरोध स्वरूप सरकार के पुतले फूंके इस अवसर उन्होंने बताया कि आज सीटू कार्यालय के बाहर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत का पुतला फूंका गया ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने कैबिनेट में श्रम कानूनों को लगभग समाप्त कर दिया गया है, इससे मजदूरो को गुलाम बनाने के लिए धकेल दिया है, इससे श्रमिको की आर्थिक स्थिति और अधिक खराब हो जाएगी और मजदूर बर्बादी के कगार पर आ जायेगा लोक डाउन से उसके सामने भुखमरी के हालात है ।
इस पर सरकार द्वारा श्रम कानूनों को शनशोधित कर पूंजीपतियो को फायदा पहुचने के लिए यह निर्णय लिया गया है, उन्होंने कहा कि कारखाना अधिनियम में संशोधन कर 8 के बजाए 12 घण्टे काम करने के निर्णय को अव्यवहारिक व श्रमिको के साथ कुरुरता बताया ओर श्रमिको के बीच मे इस निर्णय से बेरोजगारी बढ़ेगी वही श्रमिक के स्वस्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा ।
उन्होंने कहा कि स्टेंडिंग मॉडल ऑर्डर के तमाम प्रवधानों को समाप्त कर दिया है जबकी सीटू सहित अन्य ट्रेड यूनियनों द्वारा प्रत्यावेदन सरकार को दिए थे जिन्हें दरकिनार कर दिया गया, उन्होंने बताया कि औद्योगिक विवाद अधिनियम में संशोधन कतई बर्दाश्त नही करेंगे वे मजदूरो के हितों के लिए लड़ते रहेंगें, उन्होंने बतायाकि विरोध स्वरूप आई.टी.पार्क के पास मुख्यमंत्री का सीटू कार्यकर्ताओ ने पुतला फूंक ओर नारेबाजी की वही , विकास नगर के चायबागान उदीया बाग में पुतला फूंका मससुरी में भी सीटू नर ज्ञापन भेज कार्यक्रम किया गया ।
इस अवसर पर भगवंत पयाल , रविन्द्र नौडियाल , मामचंद , एस.एफ.आई . के महामंत्री हिमांशु , नितिन मलेठा , अंनत आकाश आदि दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे ।