शनिदेव का आलौकिक शक्तियों वाला मन्दिर जाने विशेषताएं।

बागपत : रिपोर्टर विवेक जैन

बागपत के शुगर मिल परिसर में स्थित शनिदेव का मन्दिर शनि भक्तों के लिये आस्था का एक बड़ा केन्द्र है। जनपद बागपत, उत्तर प्रदेश के बागपत नगर राष्ट्रवंदना चौक से मेरठ रोड़ पर 1 किलोमीटर दूर स्थित यह मन्दिर आलौकिक शक्तियों से युक्त है। पीपल के वृक्ष के नीचे स्थित इस मन्दिर में पूजा करने से समस्त भगवानों, देवी-देवताओं की पूजा का पुण्यलाभ मिलता है।

पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। इसको भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। इसके हर अंग में देवी-देवताओं का वास होता है। पीपल के मूल में ब्रहमा, मध्य में विष्णु और शीर्ष में शिव जी निवास करते है। शनिदेव की पूजा के साथ-साथ यहाँ पर हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इससे भक्तों को विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस शनि दरबार से कोई खाली हाथ नही जाता। हर किसी की मनोकामना पूर्ण होती है। शनिदेव प्रसन्न होने पर रंक को भी राजा बना देते है। मन्दिर में माता दुर्गा, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, श्रीरामदरबार, शिरडी साई दरबार, राधाकृष्ण जी के सुन्दर मन्दिर है और ऐसा माना जाता है कि सभी आलौकिक शक्तियों से सम्पन्न है। हर धर्म-सम्प्रदाय के लोग इस शनि दरबार में हाजरी देने के लिये आते है। जो भक्त शनिदेव के सामने अपना सबकुछ समर्पित कर देता है वह जीवन में हमेशा सुखी रहता है। शनिदेव के मंदिर बहुत है लेकिन कुछ ऐसे स्थान है जहाॅं शनिदेव साक्षात विराजमान होते है।

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