भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूरी ने एक पत्र लिखकर माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को पत्र प्रेषित किया है। पत्र में उन्होंने मान्य मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि, उत्तराखंड शासन द्वारा कुल 31 आंदोलनकारियों का चयन कर सूची जारी कर दी गई है। लेकिन आन्दोलनकारियों के चिन्हिकरण हेतु गठित की गई सरकारी समिति द्वारा शासन को भेजी गई अन्य आन्दोलनकारियों के नामों की सूची रोके जाने से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संगठनों में भारी रोष व्याप्त है।
उन्होंने बताया कि, मैं पृथक राज्य उत्तराखंड राज्य आंदोलन में संयुक्त संघर्ष समिति की कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में प्रारंभ से अंत तक सक्रिय रहा हूं इस दौरान मुझ पर अनेक मुकदमे दर्ज हुए हैं। तथा मैं एक महीने से ज्यादा बरेली जेल में निरुद्ध रहा हूं। उत्तराखंड आंदोलन में भागीदारी निभाने वाले तत्कालीन अधिकांश आंदोलनकारियों से मैं परिचित हूं। उत्तराखंड शासन द्वारा मुझे आन्दोलनकारियों के चिन्हिकरण हेतु गठित की गई समिति का सदस्य नामित किया गया था। इस समिति में शासन की ओर से अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वित्त देहरादून, एसडीएम, एलआईयू एवं सरकारी डॉक्टर अन्य सदस्य शामिल थे। उक्त समिति ने आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण हेतु प्राप्त आवेदनों की जांच सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप करके शासन को प्रेषित की थी।
लंबी प्रतीक्षा के बाद उत्तराखंड शासन ने कुल 31 आंदोलनकारियों की सूची जारी की है। जिन आंदोलनकारियों के नाम चिन्हिकरण हेतु समिति ने शासन को प्रेषित किए थे उनको पूर्ण विश्वास था की आपकी सरकार द्वारा सभी आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण कर दिया जाएगा।
अपेक्षा के अनुरूप चिन्हिकरण नहीं होने के कारण आन्दोलनकारियों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है। ये आन्दोलन कारी चिन्हिकरण हेतु गठित की गई समिति के सदस्यों का समय -असमय घेराव कर जानकारी मांगते हैं। साथ ही धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दे रहे हैं।
श्री विवेकानन्द खण्डूरी ने माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से अनुरोध किया है कि, आगामी स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को शासन में लंबित शेष आन्दोलन कारियों के नामों की सूची जारी कर आन्दोलन कारियों को तोहफा देने की कृपा करेंगे।