राज्य में मूसलाधार बारिश में बह गए कईं मकान, कई मार्गों पर आया मलवा l

उत्तराखंड : कुमाऊं में बारिश जमकर कहर बरपा रही है। शनिवार देर रात को मुनस्यारी और धारचूला में हुई मूसलाधार बारिश ने भी जमकर तबाही मचाई। बारिश के बाद छोरीबगड़ और भूकटाव होने से चार मकान बह गए। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि इस दौरान चार परिवारों के मवेशी पानी के तेज बहाव में बह गए हैं।

वहीं, मुनस्यारी के बलोटा गांव में लोगों के घरों में बारिश का पानी और मलबा घुसा गया। जिसके कारण लोगों के घरों को भी नुकसान पहुंचा और फसलें भी तबाह हो गई। इसके चलते ग्रामीणों को पूरी रात सड़क पर बितानी पड़ी। बारिश का ऐसा रूप देखकर गांव वाले खौफ में आ गए हैं।

वहीं, मुनस्यारी जौलजीबी मार्ग पर दरांती के पास बना बीआरओ का पुल भी बारिश के पानी में बह गया है। उधर, मुनस्यारी के ही धापा में पांच साल का बच्चा भी पानी में बह गया। ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से बच्चे को बचाया।

वहीं, तहसील बंगापानी के छोरीबगड़ में कई मकानों पर अभी भी खतरा बना हुआ है। टीआरसी भवन भी खतरे की जद में है। जमीन का कटाव भी लगातार हो रहा है। उधर, लगातार बारिश के कारण काली और गोरी नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है। दोनों ही नदियां चेतावनी के निशान के करीब बह रही हैं।

147 सड़कों में आया मलबा, 89 अब भी बंद
प्रदेशभर में बीते दो दिनों से बारिश के कारण तीन नेशनल हाईवे और सात स्टेट हाईवे समेत 147 सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं हैं। बारिश के कारण कुछ सड़कों को नुकसान भी पहुंचा है।

इनमें से 58 सड़कों को खोल दिया गया। लेकिन 89 सड़कें अब भी बंद हैं। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा के मुताबिक, विभागीय मशीनरी सड़कों को खोलने में जुटी है। मौसम ने साथ ही दिया तो आज अधिकांश सड़कें खोल दी जाएंगी।

राज्य आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक, शनिवार तक बारिश के कारण भूस्खलन होने से यमुनोत्री राजमार्ग उत्तरकाशी में पाली घाट पर बंद हो गया, जिसे 12 घंटे बाद खोला जा सका है। चंपावत में टनकपुर चंपावत मार्ग स्वाला तथा कुठोल के पास अवरुद्ध रहा।

पिथौरागढ़ में तवाघाट पांगला, गुंजी-कुट्टी व मालपा बूंदी मार्ग से आवाजाही बाधित है। थल-मुनस्यारी मार्ग को रातीगाड़ और हरडिया में नुकसान हुआ है। तवाघाटा- सोबला, तवाघाट-पांगला तथा पिथौरागढ़-तवाघाट मार्ग भी बंद है। चमोली में बंद रहा गुलाबकोट-लंगसी मार्ग खोल दिया गया है। बंद सड़कों में सबसे अधिक 41 ग्रामीण सड़कें हैं। सड़कों को खोलने के लिए विभाग ने 208 मशीनें लगाई हैं।

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