राज्य में आने वाले पर्यटकों को मिलेगा टूरिस्ट इंसेंटिव कूपन स्कीम का लाभ : सत्यपाल महाराज ।

देहरादून : अब उत्तराखंड आने  वाले पर्यटक “टूरिस्ट इंसेंटिव कूपन स्कीम” का लाभ उठा कर कहीं भी घूम सकते हैं। री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म विषय पर आज एक वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने यह बात कही। वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् गढ़ीकैंट से वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। इस वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के अलग-अलग सेशन में 18 देशों व 13 राज्यों ने भाग लिया।
वर्चुअल बी2बी ट्रैवल समिट में भाग लेते हुए पर्यटन मंत्री सत्यपाल महाराज ने कहा कि ‘‘हम सभी मानव जाति के इतिहास में सबसे कठिन समय से गुजर रहे हैं। मैं तहे दिल से प्रार्थना करता हूं कि हम जल्द से जल्द इससे बाहर निकलें और अपने जीवन में फिर से सामान्य समय वापस लाएं। इस महामारी के कारण पर्यटन सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है लेकिन मुझे यकीन है कि हम आप जैसे लोगों के उत्साह और प्रतिबद्धता के माध्यम से इससे बाहर निकल सकेंगे। उत्तराखण्ड पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों को आज इस फोरम के माध्यम से विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार आपकी चुनौतियों से पूर्णतः परिचित है और उसे दूर करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।’’
राज्य सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के पुनरूद्धार के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि ‘‘कोविड-19 नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट के साथ आगंतुकों की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। ऐसे सभी पर्यटक सभी सार्वजनिक स्थानों और स्थलों पर निर्बाध रूप से आ-जा सकते हैं।
उत्तराखण्ड सरकार ने टूरिस्ट इंसेंटिव कूपन स्कीम लॉन्च की है, इस योजना के तहत, उत्तराखंड आने वाले सभी पर्यटकों को प्रतिदिन आवास शुल्क का 1000 या 25 प्रतिशत (जो भी कम हो) अधिकतम छूट के अधीन प्रदान किया जाएगा।
वहीं 1,09,818 इकाइयों से जुड़े 2.43 लाख श्रमिकों को 1000 रुपये का मुआवजा की घोषणा भी की गई है। यूटीडीबी द्वारा संचालित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना और दीनदयाल होमस्टे योजनाओं के तहत लिए गए ऋण पर सरकार पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के लिए मूल राशि पर लगने वाले ब्याज की प्रति पूर्ति करेगी। होटल, रेस्तरां और अन्य सड़क के किनारे के ढाबों के लिए पानी के बिल में वार्षिक वृद्धि को इस साल सामान्य 15 प्रतिशत के बजाय 9 प्रतिशत तक लाया गया है।
पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की समस्या के समाधान के बारे में सम्मेलन में बताया गया की ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार और होमस्टे जैसी योजनाओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा की गयी है।
अब साधारण क्लिक के साथ, एक निवासी इन योजनाओं के तहत पंजीकृत हो सकता है और नई बसों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी या 15 लाख तक का लाभ उठा सकता है। इसी तरह, होमस्टे योजना के तहत, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 33 प्रतिशत (या 10 लाख रुपये) और मैदानी इलाकों में 25 प्रतिशत (या 7.5 लाख रुपये) की सब्सिडी दी जा रही है।
पर्यटन मंत्री महाराज ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के संबंध में बताया कि मंदी से निपटने के लिए, विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में राज्य के ग्रामीण हिस्सों में लोगों के लिए हमारी सरकार एक पर्यटन अनुकूल बुनियादी ढांचा बनाने की दिशा में काम कर रही है जो पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का पता लगाने की अनुमति देता है। उन्होने कहा कि पीएम श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय रेलवे भी चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने वाली एक रेलवे लाइन बिछाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड को ‘देवभूमि’के रूप में भी जाना जाता है, धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार अवसर है। इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए, हमारी सरकार ने पहले से ही पवित्र सर्किटों जैसे रामायण सर्किट, सीता सर्किट और महाभारत सर्किट पर काम करना शुरू कर दिया है। एक बार यह नया सर्किट पूरा होने के बाद राज्य में धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते खुलेंगे। स्वास्थ्य कल्याण पर्यटन’ के रूप में उत्तराखण्ड राज्य न केवल अपनी प्राचीन प्रकृति, स्वच्छ हवा, पानी, खाद्य उत्पादों, आदि के लिए जाना जाता है, बल्कि औषधीय जड़ी-बूटियों के अपने समृद्ध धन के लिए भी जाना जाता है, जो मानव शरीर में प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।
’साहसिक पर्यटन’ की दृष्टि से घने हाल के वर्षों में, हमारा राज्य साहसिक प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध हो गया है। हमारे पहाड़ी इलाके और जंगल ट्रेकिंग, राफ्टिंग, कैम्पिंग आदि जैसे रोमांचकारी रोमांच के लिए एक आदर्श स्थलाकृति प्रस्तुत करते हैं चाहे यह उच्च ज्वार के पानी में उतरने के बारे में हो या बढ़ती चोटियों पर, हमारी सरकार में साहसिक पर्यटन राज्य के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर साहसिक पर्यटन का एक अंतिम अनुभव प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।
री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म विषय पर वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रेड प्रदर्शनी का आयोजन फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड द्वारा किया गया। इसमें भाग लेने वाले अतिथियों संजीव अग्रवाल चैयरमेन व सीईओ, फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, महानिदेशक, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, श्री फ्रेड ओकिया, ए.जी. निदेशक मार्केट डेवलपमेंट, केन्या टूरिज्म बोर्ड, श्री अरविंद बुन्धु, निदेशक, माॅरीशस टूरिज्म प्रमोशन अथाॅरिटी, श्री जेनु देवन मैनेजिंग डायरेक्टर, टूरिज्म काॅर्पोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड आदि ने पर्यटन के पुररूद्धार और खोलने के लिए किये गए उपायों पर अपने विचार साझा किए तथा वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी का संचालन गज़नफर इब्राहिम मैनेजिंग डायरेक्टर व सीएमओ ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed