राज्य के बाहर लोगो को इन पदों पर नियुक्त करना राज्य की जनता के साथ धोखा : उक्रांद।
उत्तराखंड राज्य लंबे संघर्षों के बाद प्राप्त हुआ है, जिसमें 42 शहादतें, मातृ एवं युवाओं के बलिदान और संघर्षों के बदौलत मिला है। पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं, अच्छी शिक्षा, और रोजगार के लिये मांगा था।लेकिन इन 20 वर्षो में ये सब कोसों दूर है, राज्य की जनता विशेषकर पहाड़ी जनपदों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग और चमोली जनपदों में केंद्रीय सूचना प्रसारण विभाग जिसमें डाकघर आते है, इन जनपदों में 77 डाकघरों में डाक वितरक और वाहक के पदों पर बिहार और झारखंड के लोगों को नियुक्तियां मिली है। जो कि इस राज्य के निवासियों का दुर्भाग्य कहें।
अभी तक उत्तराखंड के अंतर्गत डाकघरों के पोस्टमास्टर, वितरक(पोस्टमैन) व वाहक स्थानीय लोग हुआ करते थे, जो देश की आजादी के बाद देखा गया। लेकिन आपकी केंद्र की सरकार ने इन परम्पराओं को तोड़ते हुये, राज्य के बाहर लोगो को इन पदों पर नियुक्त करके राज्य की जनता के साथ अन्याय है। किसी भी राज्य की भौगोलिक परिस्थितिया भिन्न भिन्न होती है।इसी तरह से उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और स्थानीय बोली भाषा को मध्यनजर रखते हुये उत्तराखंड राज्य के स्थानीय लोगों को ही डाकघरों में नियुक्तियां दी जानी चाहिये थी। आपके और आपकी सरकार के द्वारा भले उत्तराखंड के लोगो को देश के बड़े बड़े ओहदों पर बैठाया गया है। इसके लिये हम गर्व महसूस करते हैं। लेकिन इन्ही लोगो के राज्य निवासी जो हिमालय का पहरी बनकर खड़ा है उनके साथ अन्याय क्यो?
इसी आशय को लेकर विश्वास करते है कि उत्तराखंड राज्य में संघ लोक सेवा आयोग की परिधि में होने वाले नियुक्तियों के सिवाय केंद्र सरकार के विभागों में स्थानीय व्यक्तियों की ही नियुक्ति उत्तराखंड में कई जाय। साथ ही इसी अपेक्षा के साथ कि उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग बाबा केदार का स्थान, चमोली जनपद जय बद्रीविशाल का धाम के 77 डाकघरों में डाक वितरक डाक वाहक तथा पोस्टमास्टर पदों पर नियुक्त झारखंड व बिहार के लोगो को वाफिसी करते हुये, इन स्थानों पर स्थानीय (जिसे लोकल-वोकल कहा जा रहा है) व्यक्ति को ही नियुक्त किया जाय,
साथ ही अन्य विभागों में भी निचले क्रम के पदों में भी लोकल – वोकल को भविष्य में ध्यान रखते हुये स्थानीय व्यक्तियों को ही वरीयता दी जाय। इसी अपेक्षा विश्वास के साथ ज्ञापन प्रेक्षित किया गया है। देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय कोरोना संक्रमण के कारण बन्द किया गया था।जिस कारण जिला आपदा प्रबंधन केंद्र ए०डी०एम० फाइनेंस कार्यालय में दिया गया। ज्ञापन देने में महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी, नवीन भदूला,किरण रावत कश्यप,राजेन्द्र नेगी,पीयूष सक्सेना,पंकज रतूड़ी आदि थे।