राज्य की बदतर स्वास्थय व्यस्थाओं के परिपेक्ष I

देहरादून : आज राज्य की बदहाल स्वास्थ व्यस्थाओं के परिपेक्ष NCP यूथ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ आहूजा द्वारा जारी बयान में कहा कि राज्य में स्वास्थ व्यस्थाएं पहले ही बदतर हालात में थी , कोरोना के चलते परिस्थितियाँ अत्यंत विषम हो गई हैंI राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या २६ हजार के पार पहुंच चुकी है I जबकि कोरोना संक्रमित 360 मरीजों की मौत हो चुकी है I अस्थाई राजधानी देहरादून में दून अस्पताल सहित महंत इंद्रेश , सी एम् आई , हिमालयन अस्पताल सहित समस्त अस्पतालों में आई सी यू में बेड फुल हैं I
हाल में देहरादून निवासी जिन्हें संक्रमण के चलते दून अस्पताल लाया गया , किन्तु स्थान ना होने के बात कही गई I बाद में महंत इंद्रेश तथा हिमालयन अस्पताल में भी स्थान ना होने की बात कह उन्हें भर्ती नहीं किया गया I जिसके उपरांत उनकी मृत्यु हो गई I
ये राज्य का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है राज्य निर्माण के २० वर्षों के उपरांत भी राज्य निवासी इलाज के बिना अपने प्राण गवा रहे हैं I
डबल इंजन सरकार द्वारा हाल में प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज हेतु नई दरों की घोषणा की गई I महत्वपूर्ण प्रश्न यही की सरकारी अस्पतालों में इलाज हेतु आने वाले काफी लोग साधारण परिवारों से हैं I

राज्य के स्वास्थ मंत्री (मुख्यमंत्री ) एक बार चिंतन करें की जिन लोगों के पास रोज़ी रोटी के पर्याप्त संसाधन तक नहीं वो प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होकर कैसे 8000 , 12000 तथा 14400 जैसी दरों का प्रतिदिन भुगतान करेंगें I अगर सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की कमी पड़ रही है तो प्राइवेट अस्पताल में इलाज की संपूर्ण जिम्मदारी राज्य सरकार की है, जिससे राज्य सरकार भाग नहीं सकती I अब तक राज्य सरकार प्रदेश की जनता को आर्थिक संसाधन , रोज़ी रोटी तथा कोरोना की रोकथाम में पूर्णतः असफल रही है I कम से कम राज्य की जनता को इलाज के अधिकार से तो वंचित ना करें I
पर्वतीय क्षेत्रों में कोरोना महामारी के साथ साथ आपदा का दंश भी है I प्रत्येक वर्ष के तरह सड़कों की स्थिति दयनीय है I सड़कों पर आवाजाही बाधित है I जिसके चलते स्वास्थ व्यवस्थाएं जो पहले से ही हाशिये पर थी ,वर्तमान हालात में अत्यंत बदतर हालात में हो चुकी हैं I हाल में उत्तरकाशी की घटना जहाँ 2KM दुर्गम मार्ग होने के चलते पूर्व प्रसव में नवजात की मृत्यु हो गई I चिन्यालीसौड़ , उत्तरकाशी , बागेश्वर , पिथौरागढ़ , चम्पावत सहित समस्त सीमांत क्षेत्रों में इसी तरह की घटनाएं निरंतर घटित हो रही है I
उत्तरप्रदेश के ज़माने की तरह आज भी डोली और कन्धों पर मरीजों को लेकर जाने का कार्य निरंतर जारी है I हालात ये हैं की मुख्यालय तक पहुंचने हेतु कई सौ किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है I वहां भी उपचार मुहैया होगा इसकी कोई गारंटी नहीं I

राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस मांग करता है की:

१) कोरोना के इलाज हेतु प्राइवेट अस्पतालों में अधिभार न्यूनतम किया जाय
२) सरकारी अस्पतालों में त्वरित आई सी यू बेडों की संख्या बड़ाई जाय
३) आपात हालात को देखते हुए अस्पतालों में स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाय
४) अस्पतालों में मरीजों के भोजन , रखरखाव , उपचार में किसी भी स्तर पर लापरवाही ना होने पाए
५) समस्त क्षेत्रों एवं सरकारी व निजी कार्यालाओं में निरंतर सेनेटाइज़िंग की व्यवस्थाओं को अनिवार्य किया जायI

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